घर के मुख्य दरवाजे की दिशा कुंडली से जुडी होती है, बताया जाता है की ये कुंडली का मुख्या बिंदु होती है | घर के मुख्य दरवाजे की दिशा की वजह से कुंडली में मौजूद कोई ग्रह हमारे जीवन और घर पर प्रभाव डालने लगता है | ऐसी स्थिति में यदि उस ग्रह की स्थिति अनुकूल होती है तो घर का मुख्य दरवाजा शुभ साबित होता है, लेकिन वहीँ अगर ऐसा ना हो तो जीवन में समस्याओं का आना शुरू हो जाता है |
यदि घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में हो |
- घर का पूर्व दिशा में मुख्य द्वार शुभ माना जाता है
- यदि मंगल सही स्थिति में ना हो तो इस द्वार के कारण कर्ज बढ़ने लगते है |
यदि घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में हो |
- ये द्वार अत्यंत शुभ माना जाता है |
- यदि बुध की सही स्थिति ना हो तो इस वजह से घर में पैसा नहीं रुकता है |
यदि घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो |
- ये द्वार उन्नति के लिए उत्तम होता है
- यदि द्वार के सामने वेध ना हो तो ये द्वार दरिद्रता पैदा करता है |
यदि घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो |
- ये द्वार जीवन में संघर्ष को बढ़ाता है |
- लेकिन यदि कुंडली में शनि और मंगल सही अवस्था में है तो ये शुभ फल प्रदान करता है |
यदि घर का मुख्य आग्नेय दिशा में हो |
- इस दिशा में द्वार सुख समृद्धि लाता है |
- यदि कुंडली में अग्नि तत्व की अधिकता हो तो ये जीवन में आकस्मिकता बढ़ाता है |
यदि घर का मुख्य ईशान दिशा में हो |
- ईशान में द्वार शुभ होता है |
- परन्तु यदि बृहस्पति कमजोर हो तो घर के सदस्यों की सेहत पर असर पड़ता है |
यदि घर का मुख्य द्वार नैऋत्य दिशा में हो |
- इस दिशा में द्वार जीवन में उतार चढ़ाव का कारण पड़ता है |
- यदि कुंडली में राहु केतु ठीक ना हो तो जीवन कठिनाइयों से भर जाता है |
यदि घर का मुख्य द्वार वायव्य दिशा में हो
- ये सामान्यतः शुभ माना जाता है |
- यदि कुंडली में शनि कमजोर हो तो इस द्वार की वजह से मित्र भी शत्रु बन जाते है, घर में भी विवाद होते रहते है |