हिन्दू धर्म में शिवलिंग का विशेष महत्व है, शिवलिंग को महादेव का प्रतीक माना जाता है | प्राचीन समय से शिव जी के प्रतीक शिवलिंग की आराधना करते आ रहे है | महादेव के इस प्रतीक के बारे में कई अलग अलग धारणाये है, शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग महादेव की ज्योति का है | अपने अक्सर सुना होगा की लड़कियों को शिवलिंग को छूने से रोका जाता है | आज हम आपको इससे जुडी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है की ये तथ्य है या महज एक धारणा है |
हिन्दू धर्म में शिव जी की उपासना करने के लिए शिवलिंग को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है | इसके अलावा सदियों से धारणा चली आ रही है की कुंवारी लड़कियां शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती है | केवल पुरुषो को शिवलिंग की पूजा का अधिकार है, इसे लेकर भी कई बार मतभेद होते रहते है | खैर आज हम आपको इसके पीछे की वजह के बारे मे बताने जा रहे है |
ये सभी शिवभक्त जानते है कि महादेव हमेशा ही ध्यान में लीन रहते है, तप में लीन रहते है | ऐसा बताया जाता है कि जब भी महादेव तपस्या में लीन होते थे तो कोई भी स्त्री या पुरुष महादेव के पास जाने से कतराते थे | ऐसा भी कहा जाता है कि अप्सराये भी इस बात का ध्यान रखती थी की उनकी वजह से कहीं महादेव की तपस्या भंग ना हो जाये या उनका ध्यान में कोई व्यवधान ना पड़े | क्योंकि महादेव के गुस्से से सभी वाकिफ है, शायद यही वजह से है कि तभी से महादेव ये धारणा बन चुकी है की कुंवारी कन्या शिवलिंग को छू नहीं सकती है |
कई लोग मानते है कि लड़कियों को महादेव की पूजा नहीं करनी चाहिए, ऐसा सोचना सही नहीं है | दरअसल अकेले महादेव के पूजन को लेकर मनाही की जाती है, ऐसा बताया जाता है कि लड़कियों को शिव पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए |
ऐसा माना जाता है की कुंवारी कन्याओं द्वारा शिवलिंग को छूना माँ पार्वती को नाराज करता है, इससे आराधना के उलट फल मिलने लगता है |