महाभारत का युद्ध भारत के इतिहास में लड़े गए, सबसे बड़े युद्धों में से एक है | आज भी इस युद्ध से जुडी कोई ना कोई नयी बात सामने आती रहती है | महाभारत का युद्ध कौरवो और पांडवो के बीच हुआ था | महाभारत के अनुसार इस युद्ध में कौरवो का पलड़ा भारी था क्योंकि उनके पास एक विशाल सेना थी | लेकिन विजय पांडवो की हुयी क्योंकि उनके साथ स्वयं श्री कृष्ण थे |
महाभारत के युद्ध से कई प्रकार के रहस्य जुड़े है, जिनको आज तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है | महाभारत के युद्ध में और श्री कृष्ण के जीवन में 18 और 8 अंको का बहुत महत्व रहा है | आज हम आपको इसी से अवगत करने आये है |
श्री कृष्ण और अंक 8
1. भगवान श्री कृष्ण से 8 अंक का रिश्ता आज भी रहस्य है, बता दे श्री कृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार थे और उनका जन्म 28 वे द्वापर में हुआ था |
2. श्री कृष्ण देवकी की 8वीं संतान थे और उनका जन्म भी कृष्ण पक्ष के 8वें मुहूर्त में हुआ था | श्री कृष्ण 3112 ईसा पूर्व कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्मे थे |
3. श्री कृष्ण ने कूल 8 विवाह किये थे और इतना ही नहीं पुराणों के अनुसार उनकी सखियों की संख्या भी 8 थी और उनके सखा भी 8 ही थे | इससे एक बात साफ़ है कि कृष्ण का 8 अंक से कुछ गहरा नाता था |
महाभारत और अंक 18
महाभारत में 18 अंक का विशेष महत्व रहा है | महाभारत के समय घटी प्रत्येक घटना में 18 अंक का जिक्र या प्रभाव जरूर देखने को मिलता है |
1. श्री कृष्ण को दिए गीता ज्ञान की पुस्तक श्रीमद भगवत गीता में कुल अध्यायों की संख्या 18 है |
2. महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व हुआ था और ये युद्ध पुरे 18 दिनों तक चला था |
3. महाभारत के युद्ध में कुल 18 अक्षोहनी सेना थी | जिसमे 11 कौरवो की थी और 7 पांडवो की थी |
4. इस युद्ध के प्रमुख सूत्रधार भी 18 थे |
5. महाभारत के युद्ध के समाप्त होने के बाद सिर्फ 18 योद्धा ही बच पाए थे |
6. महाभारत के रचियता ऋषि वेदव्यास थे, बता दे इनके द्वारा रचित पुराणों की संख्या भी 18 ही है |
7. श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता ज्ञान भी 18 दिनों तक दिया था |