25 मार्च से प्रमादी नामक नया विक्रम संवत प्रारम्भ हो रहा है जिसके राजा बुध एवं मंत्री चंद्र देव हैं। रूद्रबिशंति के 7वें एवं संवत में सैंतालीसवें प्रमादी नामक संवत भारतवर्ष की जनता के लिए मिलाजुला फल कारक सिद्ध होगा। इस संवत में फसलों की अच्छी पैदावार होगी, किंतु समाज में प्रमाद की भी अधिकता रहती है तथा साम्प्रदायिकता को बढ़ावा मिलेगा | कहीं ना कहीं समाज में अविश्वास एवं और अस्थिरता का माहौल बना रहेगा | किंतु, देशवासियों के लिए सुखद समाचार यह है कि इस वर्ष दसाधिकारियों में सूर्य, चंद्र, बुध, बृहस्पति और शनि का प्रभाव अधिक रहेगा जिसके फलस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तथा न्याययिक व्यवस्था में भी मजबूती आएगी |
ग्रहों के राजा सूर्यदेव के पास सर्वाधिक तीन अधिकार हैं। जिनमें वर्षा के स्वामी, पुष्पों- फलों के स्वामी एवं सेनापति का भी अधिकार सूर्यदेव के पास ही होता है। वर्षा के स्वामी सूर्य देव के होने के परिणाम स्वरूप भारतवर्ष में वर्षा अच्छी होगी जिससे फसलों की पैदावार बहुत अच्छी रहेगी तथा कहीं ना कहीं इससे महंगाई पर नियंत्रण भी लगेगा। पुष्पों एवं फलों के स्वामी भी सूर्यदेव ही हैं अतः वृक्ष और खूब पौधे पुष्पित पल्लवित होते रहेंगे जिससे फलों की पर्याप्त पैदावार रहेगी | उससे भी सुखद समाचार यह है कि इस वर्ष के सेनापति का अधिकार भी ग्रहों के राजा सूर्य देव के पास ही है। जिसके परिणामस्वरूप शीर्ष नेतृत्व कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं रहेंगे और उसका पालन करवाने में पूरी शक्ति लगा देंगे |
प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों-प्रतियोगियों के लिए भी सुखद समाचार है कि इस वर्ष सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा भारी संख्या में आवेदन दिए जाएंगे अतः आप अपनी पढ़ाई और प्रतियोगिता की तैयारी के लिए पूरी ताकत लगा दें। सूर्य देव शोध एवं अन्य आविष्कारों के भी ग्रह है अतः इन्हीं के प्रभाव स्वरूप इस वर्ष अतिसंहारक परमाणु अस्त्रों एवं मिसाइलों का निर्माण एवं परीक्षण भी होगा। संसार में बड़े देश इसे प्रतियोगिता के रूप में देखेंगे और नित्य प्रति कुछ न कुछ नया निर्माण करते रहेंगे।