भगवान श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है | हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के आरम्भ से पहले गणेश जी की पूजा अवश्य की जाती है, ताकि कार्य में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो | हमारे देश में गणेश जी के कई मंदिर है | जिनमे भक्तगण गणेश जी की पूजा अर्चना करते है | वैसे सभी मंदिरो की स्थापना मनुष्यो द्वारा ही की गयी है | लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जिसकी स्थापना खुद प्रभु श्री राम ने की थी |
हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे है, उस मंदिर का चिंतामन गणेश मंदिर है | ये मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है | इस मंदिर को बेहद ही चमत्कारी माना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से सभी चिंताए दूर हो जाती है | इसीलिए इस मंदिर का चिंतामन गणेश मंदिर है |
इस मंदिर का इतिहास प्रभु श्री राम से जुड़ा है | ऐसा बताया जाता है की जब प्रभु श्रीराम वनवास में जीवन बीता रहे थे | तब उन्होंने इस स्थान पर कुछ देर विश्राम किया था और तब उन्हें अहसास हुआ कि इस स्थान पर कुछ दोष है | तब राम जी के मन में गणेश जी की स्थापना का विचार आया |
तब प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने उस स्थान पर गणेश जी की स्थापना की और वहां कुछ दिन और बिताये | उस दौरान वे नित गणेश जी की पूजा करते | वहां बिताये गए क्षणों के दौरान ही लक्ष्मण जी ने वहां एक बावड़ी भी बनाई | जो आज भी मौजूद है,उसे लक्ष्मण बावड़ी के नाम से जाना जाता है |
बुधवार के दिन यहाँ भक्तो की भारी भीड़ लगती है, लेकिन गणेश चतुर्थी को यहाँ का नजारा अलग ही होता है | बता दे यह मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | इस मंदिर में गणेश जी तीन रूपों में विद्यमान है | पहला रूप चिंतामन है, जो चिंता से मुक्ति दिलाता है | दूसरा रूप इच्छामन है, जो इच्छाएं पूरी करता है | और तीसरा रूप सिद्धिविनायक है, जो सिद्धि प्रदान करता है |