अपने सपनो का घर बनाने की चाह सबकी होती है | हर इंसान चाहता है कि उसका स्वयं का एक खूबसूरत सा घर हो, जहाँ वो अपने जिंदगी के अच्छे सुकूनभरे पल बीता सके | कुछ लोगो की चाह समुन्द्र के किनारे घर बनाने की चाह होती है, तो किसी की बाग़ बगीचों में तो किसी की बड़े शहर के बीच एक खूबसूरत से फ्लैट में रहने की चाह होती है | अगर आप भी ये सोचते है कि आपके सपनो का आशियाना कैसा होगा तो इसका राज आपकी हथेली में छिपा है | तो आइये जानते है आज की इस पोस्ट में आपके लिए क्या ख़ास है |
झील किनारे होता है घर
हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी की हथेली में मष्तिष्क रेखा या उससे निकली रेखा चन्द्रमा तक जाती है | या फिर भाग्य रेखा चन्द्रमा से निकलती है, तो ऐसे लोगो का घर झील के किनारे होता है | इसके अलावा यदि भाग्य रेखा मोटी होती है, तो उनका घर किसी बड़े पेड़ या बड़े मकान की छाया में होता है |
संकरी गली में होता है घर
यदि किसी की मष्तिष्क रेखा और जीवन रेखा का जोड़ लम्बा हो | या फिर जीवन रेखा या मस्तिष्क रेखा टूटी फूटी हो, तो ऐसे लोगो का घर संकरी गली में होता है | इतना ही नहीं इन लोगो को अपने सपनो का घर बनवाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है |
आलिशान घर के मालिक
यदि किसी व्यक्ति की अंगुलियां पतली और छोटी हो या फिर जीवन रेखा गोलाकार हो | या फिर मस्तिष्क रेखा कटी हुयी हो तो ऐसे व्यक्ति का घर शानदार जगह पर होता है | साथ ही इनका घर हर तरह की सुख सुविधा से परिपूर्ण होता है |
बड़े मकान का मालिक
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की जीवनरेखा गोलाकार हो या उस पर त्रिभुज बना हो | साथ ही यदि मस्तिष्क रेखा से कोई रेखा निकलती हो तो ऐसा व्यक्ति बड़े मकान का मालिक बनता है |
पैतृक निवास
हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा मंगल या चन्द्रमा तक जाती है तो ऐसे व्यक्ति अपने पैतृक घर में ही निवास करते है |