21 जून को आषाढ़ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है | यह ग्रहण रविवार को मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा | बता दे मिथुन बुध ग्रह की स्वराशि है और मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है | इस वजह से ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ने वाला है |
खगोलीय गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण सुबह 9:15 मिनट से आरम्भ होकर दोपहर 3:04 मिनट तक रहेगा | ज्योतिष में बताया गया है कि ग्रहण समाप्ति के बाद वातावरण में ग्रहण का अशुभ प्रभाव छाया रहता है | ऐसे में आज हम आपको सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के कुछ उपाय बताने जा रहे है |
सूर्य से संबंधित मंत्रो का जाप
आप ग्रहण के दौरान महादेव के नामो या मृत्युंजय मंत्रो का जाप करे और ग्रहण के पश्चात् ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आप सूर्य के बीज मंत्र ॐ घृणि: सूर्याय नम: का जाप करे | इस मंत्र का जाप आप 108 बार करे, इससे आप पर ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचे रहेंगे |
गंगाजल से स्नान
ग्रहण के बाद स्नान का बहुत महत्व है | आप ग्रहण के बाद गंगाजल से अवश्य स्नान करे, इससे आप पर ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा | स्नान करने के बाद साफ़ सुथरे कपडे पहने और इसके उपरांत ही कोई अन्य कार्य करे |
घर की शुद्धि
ग्रहण कि समाप्ति के बाद अपने घर को भी गंगाजल से शुद्ध करे | आप पुरे घर में गंगाजल का छिड़काव करे और देवी देवताओ की मूर्ति को भी शुद्ध करे | इससे आपके घर से ग्रहण कि काली छाया दूर होगी |
करे पूजा और दान
ग्रहण खत्म होने के पश्चात् आप भगवान की पूजा करे | आप किसी नजदीकी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करे और गरीब को दान करे | बताया जाता है कि ग्रहण के बाद गाय को रोटी खिलने से शुभ फल प्राप्त होता है |