हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र का बड़ा महत्व है | कोई भी व्यक्ति नया घर खरीदने और बनाने से पहले उस घर के वास्तु की अच्छे से जानकारी प्राप्त करता है | ऐसा करना सही भी है, क्योंकि यदि घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष हो तो घर में रहने वाले सदस्यों पर इसका नकारात्मक असर पड़ने लगता है | वास्तु में दिशाओ का बड़ा महत्व है, दिशा के अलावा वास्तु में कोण भी बड़ी भूमिका निभाते है | वास्तु में आग्नेय मुखी भवन को लेकर बताया गया है कि इस दिशा में बने भवन अशुभ साबित होते है | जानकारी के लिए बता दे आग्नेय मुखी भवन उसे कहा जाता है, जिसके दक्षिण और पूर्व दिशा में सड़क बनी होती है | आज हम आपको इस दिशा में बने भवन के दुष्प्रभावों के बारे में बताने जा रहे है |
1. आग्नेय दिशा में बना घर रोगो और कलह को निमंत्रण देता है |
2. इस कोण में बने घर में दिनभर सूर्य का ताप रहता है, जिसकी वजह से घर में ऑक्सीजन की कमी आती है | ये घर के सदस्यों के चिड़चिड़ेपन का कारण बनता है |
3. इस दिशा में बना मकान प्रगति में बाधा बनता है और आर्थिक हानि का कारण बनता है |
4.कुछ वास्तु शास्त्रिओ का ऐसा मानना है कि इस दिशा में बना मकान इसके निर्माण के नवें वर्ष में शुभ फल प्रदान करता है |
5. इस दिशा में घर में रहने वाला व्यक्ति हमेशा कर्ज में डूबा रहता है, वह इससे नहीं निकल पाता है |
6. यदि पूर्वी आग्नेय का विस्तार पूर्वाभिमुखी हो, तो पुरुष संतति की मृत्यु होकर गृहस्वामी का अधिकार महिला को मिलता है |
7. आग्नेय मकान में यदि पूर्व-आग्नेय मकान प्रहार हो, तो पुरुष चरित्रभ्रष्ट होता है |
8. इस दिशा वाले मकान में रहने वाले पुरुष की बायीं भुजा, घुटना और बांया नेत्र प्रभावित रहते है |
9. ऐसे मकान में पैदा होने वाली प्रथम संतान और इसमें रहने वाली महिलाओ पर बुरा प्रभाव पड़ता है |
10. यदि मकान की लम्बाई चौड़ाई से दुगुनी होती है या अधिक होती है, तो ऐसे में गृहणी को सुख की प्राप्ति नहीं होती है |