शास्त्रों, पुराणों और ज्योतिष में शनिदेव को एक न्यायाधीश कहा गया है | किसी भी मनुष्य को शनिदेव उसके कर्मो के अनुसार ही फल देते है | कर्मो के चलते ही मनुष्य शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का सामना करना पड़ता है | इनसे बचने के लिए मनुष्य वैसे तो कई तरह के उपाय करता है | इन उपायों के अलावा शनिदेव के विशिष्ट मंत्रो से भी शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है | आज आपको उन्ही विशेष मंत्रो और कुछ उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे है |
पहला मंत्र
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
दूसरा मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
तीसरा मंत्र
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
चौथा मंत्र
तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
पांचवा मंत्र
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
शनिदेव के इन मंत्रो को बेहद ही शक्तिशाली और चमत्कारी माना गया है | इन मंत्रो का 23 हजार बार जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है | यदि आप इन मंत्रो का 23 हजार बार जाप करने में असमर्थ है, तो आप किसी से इन मंत्रो का जाप करवा सकते है | जिन जातको की कुंडली में शनि ग्रह भारी है या अशुभ दशा में है, उन्हें इन मंत्रो का जाप अवश्य करना चाहिए |
इन बातो का रखे विशेष ध्यान
- मंत्र जाप आरम्भ करने से पहले आप इन मंत्रो का सही से उच्चारण करना सीख ले | क्योंकि मंत्रो का गलत उच्चारण आपको मुसीबत में डाल सकता है | यदि जाप करने में असमर्थ है, तो किसी से इनका जाप करवा ले |
- इन मंत्रो का जाप शनिवार के दिन आरम्भ करे और जिस दिन मंत्रोच्चारण समाप्त हो | उस दिन शनि मंदिर में शनिदेव को तेल अर्पित करे और हुयी किसी भी प्रकार की भूल की क्षमा मांगे |
- आप इन मंत्रो का शनि जयंती के दिन अवश्य जाप करे, क्योंकि शनि जयंती के दिन इन मंत्रो के जाप से विशेष फल की प्राप्ति होती है |
आजमाए ये उपाय
- शनि देव के प्रकोप से बचने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए आप शनिवार के दिन काले रंग की वस्तुओ का दान करे |
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल अवश्य अर्पित करे |
- शनिवार के दिन आप लोहे की वस्तु और जरुरतमंदो को जूते-चप्पलो का दान करे, ये शुभ फल प्रदान करता है |