रंगो का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है | बिना रंगो के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है | जितना महत्व रंगो का हमारे जीवन में है, उतना ही महत्व रंगो का वास्तु शास्त्र में है | एक खुशहाल जीवन के लिए घर में वास्तु का सही होना बेहद आवश्यक है | घर में दीवारों को रंग करवाते समय हमेशा वास्तु का ध्यान रखना चाहिए | ऐसे में आज हम इस बारे में जानकारी देने जा रहे है, कि किस दीवार का रंग कौनसा होना चाहिए |
पूर्व की दीवार:- पूर्व दिशा की दीवार सदा सफ़ेद या हल्के नीले रंग की होनी चाहिए |
पश्चिम की दीवार:- पश्चिम दिशा में मौजूद दीवार या कमरे में नीले रंग का प्रयोग करना चाहिए |
उत्तर की दीवार:- उत्तर दिशा की दीवार का रंग हल्का हरा या हरे पिस्ता के रंग का होना चाहिए | आप चाहे तो आसमानी रंग का प्रयोग भी कर सकते है |
दक्षिण की दीवार:- वास्तु में दक्षिण दिशा की दीवार का रंग नारंगी शुभ माना गया है |
आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) की दीवार:- वास्तु के अनुसार आग्नेय दिशा में मौजूद दीवार का रंग नारंगी, पीला या सफ़ेद होना चाहिए |
नैत्रत्य (दक्षिण-पश्चिम) की दीवार:- इस दिशा में दीवार या कमरा होने पर दीवारों का रंग भूरा, ऑफ व्हाइट या हरा होना चाहिए |
वायव्य (उत्तर पश्चिम) की दीवार:- वायव्य दिशा में बने ड्राइंग रूम में दीवारों का रंग क्रीम, सफ़ेद या हल्का स्लेटी होना चाहिए |
ईशान (उत्तर-पूर्व):- इस दिशा में आकाश खुला हो तो बेहतर है | इस दिशा की दीवारों का रंग सफ़ेद, आसमानी, हल्का बैंगनी होना चाहिए | साथ ही पीले रंग का भी इस्तेमाल करना चाहिए |