विवाह योग्य जातको का समय पर विवाह ना होना उसके माता पिता के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है | लेकिन अगर देखा जाए तो लड़की के माता पिता को ये चिंता अधिक सताती है | कई बार बेटी के विवाह को लेकर कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है | जैसे योग्य वर नहीं मिलना या कुंडली का ना मिलना |
ज्योतिष शास्त्र में इसके अलावा भी कुछ ऐसे कारण बताये गए है | जो विवाह में देरी या विवाह ना होने के कारण बनते है | आज हम आपको उनके बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे है |
कुंडली में विवाह के कारक ग्रह
ज्योतिष में बताया गया है कि कुंडली में मौजूद हर ग्रह की अपनी भूमिका होती है | इसी तरह विवाह के लिए गुरु ग्रह का प्रबल होना बहुत ही आवश्यक है | ज्योतिष के अनुसार जब गुरु पंचम भाव में दृष्टि डालता है, तो विवाह का एक मजबूत योग बनता है | यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु एक साल के लिए पंचमेश के साथ एकादश भाव में बैठ जाए, तो एक साल के भीतर जातक के विवाह की मजबूत सम्भावना होती है | गुरु के अलावा विवाह में चंद्र, शुक्र और बुध के योग भी प्रभावी होते है |
कुंडली में विवाह के बाधक योग
ज्योतिष के अनुसार यदि किसी की कुंडली में गुरु की दृष्टि पंचम भाव में पड़ने से विवाह योग बन रहा है | लेकिन उसी समय कुंडली के ग्यारवे भाव में राहु बैठ जाता है, तो ये एक अशुभ योग बन जाता है | इस अवधि में विवाह तय होने में बड़ी कठिनाई उठानी पड़ती है | इसके अलावा गुरु के पंचम स्थान पर शनि, राहु और केतु आकर बैठ जाए तो ये विवाह में बाधा का कारण बनते है |
यदि किसी लड़की के विवाह में देरी हो रही है, तो इसका कारण कमजोर गुरु ग्रह हो सकता है | ऐसे में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष में निम्न उपाय बताये गए है |
- विवाह में देरी हो रहे है सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाये |
- गुरुवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाये |
- गुरुवार को व्रत रखे और केले के वृक्ष की पूजा करे |
- नित माँ पार्वती और महादेव की पूजा करे |
- गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करे और जरुरतमंदो को पीले रंग की वस्तुए दान करे |