जीवन में धन धान्य की आवश्यकता सबसे बड़ी आवश्यकता होती है | आज के समय को देखे तो, बिना धन और पैसे के जीवनयापन करना नामुमकिन है | इसीलिए हर कोई यही कामना करता है, कि उसके जीवन में कभी धन धान्य और सुख शांति की कमी ना रहे | लेकिन हर किसी के साथ ऐसा हो, ये असम्भव है | इसीलिए लोग धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के पूजा पाठ करते है | वैसे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है | ऐसे में आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे है, जिनसे आप माँ लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है | तो आइये जानते है, आज की इस पोस्ट में आपके लिए क्या खास है |
पीपल की पूजा
पीपल के पेड़ का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है, इसके अलावा ज्योतिष से लेकर वस्तु में इससे जुड़े कई उपाय बताये गए है | इन्ही उपायों में बताया गया है कि यदि हम रविवार को पीपल के पेड़ की पूजा करे और जल अर्पित करे तो भगवान विष्णु के साथ साथ माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है | माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से जीवन के दुःख समाप्त होने लगते है और धन की कमी दूर होती है |
चौमुखा दीपक
जिन लोगो को जीवन में धन, वैभव और यश की कामना है | उनकी इच्छा ये उपाय पूरी कर सकता है | आप पर रविवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाये | इससे शीघ्र ही आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनेगी और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी |
सूर्य देव की पूजा
रविवार का दिन मुख्यतः सूर्य देव से जुड़ा है | इसीलिए आप रविवार को सूर्यदेव की पूजा अवश्य करे | इसके लिए आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और पूजाघर में सूर्यदेव की पूजा करे | पूजा में आप लाल रंग के पुष्प इस्तेमाल करे | पूजा के बाद आप ताम्बे के लोटे में जल ले और उसमे पुष्प, चावल और हल्दी डाल दे | अब इस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दे | इस उपाय से सूर्यदेव आपकी कामना अवश्य पूरी करेंगे |
दान
दान का बड़ा महत्व है | शास्त्रों के अनुसार दान करने से मन की बड़ी से बड़ी इच्छा पूरी हो जाती है | इसीलिए आप शनिवार के दिन ताम्बे की वस्तुए, माणिक, लाल रंग के फूल और कपडे, आता, गुड़ दान कर सकते है | इनसे शनिदेव के साथ साथ माँ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है |
सूर्य मंत्रो का जाप
रविवार का दिन सूर्यदेव का माना जाता है, इसलिए रविवार के दिन आप सूर्यदेव को जल अवश्य अर्पित करे और नीचे बताये गए मंत्रो का जाप करे | इन मंत्रो का जाप करने से आपके जीवन से परेशानियां दूर होगी और सुख समृद्धि आएगी |
1. एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।
2. ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए |
अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।