कार्तिक मास का आरम्भ हो चूका है | हमारे धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास को बड़ा ही पवित्र माना गया है | इस माह के इतने पवित्र होने की एक वजह ये भी है कि इस माह में भगवान विष्णु निद्रा से जागते है और सृष्टि का संचालन अपने हाथो में लेते है | वहीँ स्कन्द पुराण में बताया गया है कि इसी माह में कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था | इसके अलावा इस महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से तीर्थो का फल प्राप्त होता है | इसे मोक्ष का मार्ग भी कहा जाता है | ऐसे में आज हम आपको इस पवित्र महीने के बारे में कुछ जानकारियां देने जा रहे है | तो आइये जानते है इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं...
पवित्र नदी में स्नान
कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान से शुभ फल प्राप्त होता है | यदि नदी में स्नान करना सम्भव नहीं है, तो आप घर में मौजूद जल में गंगाजल मिलकर स्नान करे | पद्मपुराण के अनुसार इससे तीर्थ के समान फल और मोक्ष की प्राप्ति होती है |
तुलसी पूजन
हिन्दू धर्म में तुलसी का जो महत्व है, उसके बारे में सभी जानते है | कार्तिक मास में रोजाना तुलसी की पूजा करनी चाहिए | इससे माँ लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते है | इसके अलावा इस माह में रोजाना नदी में दीप प्रवाहित करना चाहिए, यदि ये सम्भव नहीं है | तो आप शालिग्राम की पूजा कर सकते है |
भगवान विष्णु के समक्ष दीपक
कार्तिक माह में रोजाना शाम को श्रीहरि एक समक्ष तिल के तेल का दीप जलाना चाहिए, साथ ही भूमि पर बिछौना कर सोना चाहिए | इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है, क्रोध और अंहकार से मुक्ति मिलती है |
दान और अर्घ्य
वैसे तो दान का बड़ा महत्व है, लेकिन कार्तिक मास में दान कई गुना फल प्रदान करता है | इस माह में किया गया दान कई वर्षो तक फल प्रदान करता है | कार्तिक मास में रोजाना उगते सूर्य को जल का अर्घ्य देना, शुभ फल प्रदान करता है |
जल स्त्रोतो की सफाई
कार्तिक मास में मंदिर, नदी, तालाब और घाटों की सफाई करने वाला मोक्ष प्राप्त करता है | वह व्यक्ति अगले जन्म में खूब सुख समृद्धि पाता है | ऐसे व्यक्ति का आदर देवता भी करते है | बता दे स्वयं श्रीकृष्ण ने सत्यभामा को कहा था कि कार्तिक माह में मंदिरो की सफाई से ही उनको धन सम्पदा का सुख प्राप्त हुआ है |
भगवान कार्तिकेय की पूजा
कार्तिक मास के स्वामी भगवान कार्तिकेय है | इसीलिए इस माह में भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए | इसी माह में भगवान कार्तिकेय ने देवताओ के सेनापति बनकर तारकासुर का वध किया था |
ब्रह्मचर्य और सदाचार
कार्तिक मास में श्रीहरि नारायण और दामोदर के रूप में पूजा जाते है | इस माह में ब्रह्मचर्य का पूरा पालन करना चाहिए | बुरे विचारो से दूर रहना चाहिए | किसी का अपमान नहीं करना चाहिए | सदाचार का पालन और जरुरतमंदो की सच्चे मन से मदद करनी चाहिए |
तामसिक वस्तुओ से दुरी
कार्तिक मास में जलीय जीवो का सेवन नहीं करना चाहिए | साथ ही हर तरह की तामसिक वस्तुओ से दूरी रखनी चाहिए | आप इसे अपनी आदत बना ले और इन चीजों से सदा के लिए दूरी बना ले | इसके अलावा इस माह में द्विदलन यानी दो भागो में बंटने वाले अनाज का भी सेवन नहीं करना चाहिए |