Category Archives:  Spiritual

अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है धनतेरस, बस करे ये काम

Nov 10 2020

Posted By:  Sunny

हर वर्ष दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है | इस दिन लोग आभूषण और नयी वस्तुए खरीदते है | शास्त्रों के अनुसार नयी वस्तुओं को खरीदने के लिए धनतेरस के दिन को सबसे उत्तम माना गया है | धनतेरस के दिन आभूषणों की खरीददारी के साथ साथ कुबेर देवता और धन्वंतरि देवता की भी आराधना की जाती है |



धनतेरस पर दीपदान का भी बड़ा महत्व है | शास्त्रों के अनुसार इस दिन अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति पाने के लिए धनतेरस के दिन यमदीपदान करना चाहिए | बता दे पुरे वर्ष में आने वाला ये ही एकमात्र ऐसा दिन है, जब यम देवता की पूजा केवल दीपदान से की जाती है | वैसे नरक चतुर्दशी पर भी लोग दीपदान करते है, परन्तु उसका अलग महत्व है | बता दे, यमदीपदान का महत्व कई पुराणों में भी किया गया है |


स्कंदपुराण

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे ।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।।

स्कंदपुराण में वर्णित इस श्लोक के अनुसार कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन शाम के समय यमदेव का ध्यान कर उनके उद्देश्य से घर के बाहर दीप जलाने से अपमृत्यु यानि आकस्मिक मृत्यु से मुक्ति मिलती है |



पद्मपुराण

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति।।

पद्मपुराण में भी धनतेरस के दिन दीपदान का महत्व बताया गया है | पद्मपुराण में बताया गया है कि कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को घर से बाहर यमदेवता के लिए दीप जलाने से दुर-मृत्यु का भय दूर होता है |

यमदीपदान की सरल विधि


यदि धनतेरस के दिन आप यमदीपदान करना चाहते है, तो इसकी विधि इस प्रकार है | इसके लिए आप सबसे पहले आटे का एक दीपक बना ले | बता दे आटे से बना दीपक तमोगुणी तरंगो और ऊर्जा को समाप्त कर देता है | अब आप रुई की लम्बी दो बत्तियां बना ले और इन्हे दीपक में इस प्रकार रखे कि दीपक के बाहर 4 बत्तियां दिखाई दे | अब इसमें तिल का तेल डाले और कुछ तिल के दाने भी डाल दे | प्रदोष काल में बनाये गए इस दीपक का आप रौली, अक्षत और फूलो से पूजन करे | अब घर के मुख्य द्वार पर खील या गेहू की ढेरी बनाकर उस पर दीपक को रख दे | इस दीपक को ढेरी पर रखते समय अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखे और दीपक को रखने के बाद ॐ यमदेवाय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए दक्षिण दिशा को नमस्कार करे |

दीपक यम देवता को अर्पित करते समय आप इस मंत्र का भी जाप करे |

मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह |
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ||

इस मंत्र का अर्थ है कि धनत्रोदशी के दिन में ये दीपक सूर्यपुत्र यमदेवता को अर्पित करता हूँ | यमदेवता मुझे मृत्यु के पाश से मुक्त करे और मेरा कल्याण करे |
  सरकारी/गैरसरकारी नौकरीयो की ताजा अपडेट पाए अब अपने मोबाइल पर साथ ही रोजाना करंट अफेयर