आपने रात में जुगनुओ को जगमगाते जरूर देखा होगा | वैसे शहरो में ये बहुत ही कम देखने को मिलते है, लेकिन गाँवों में ये खूब होते है | हालाँकि गाँवो में भी अब इनकी संख्या धीरे धीरे गिरती जा रही है | जुगनू को देखकर अक्सर कई लोगो के मन में ख्याल आता है कि ये रात में ही क्यों चमकते है | ऐसे में आप के इस सवाल का जवाब हम आज इस पोस्ट के माध्यम से देने जा रहे है |
बता दे विश्वभर में जुगनुओं की 2000 से भी ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है | वहीँ जुगनुओ की चमक भी तीन रंग की होती है, हरी, लाल और पीली | वैसे जुगनुओ के चमकने का मुख्य उद्देश्य मादा को आकर्षित करना और भोजन तलाशना होता है |
वैसे आप नर और मादा जुगनू में आसानी से अंतर पता कर सकते है | दरअसल मादा जुगनू के पंख नहीं होते है, जिस वजह से वे एक ही जगह पर चमकती है | वे पेड़ो की छालो में अंडे देते है और उनके अंडे भी चमकते है |
हमारे देश में जुगनू की कई प्रजातियां मौजूद है, लेकिन सब तेज रौशनी से चमकने वाले जुगनू वेस्ट इंडीज और दक्षिण अमेरिका में पाए जाते है |
कैसे चमकते है जुगनू
जुगनू वैसे तो कई सालो से पृथ्वी पर मौजूद है | लेकिन सोलहवीं सदी में वैज्ञानिक रोबर्ट बॉयल ने इनमे रूचि ली | 1667 में उन्होंने दावा किया था कि जुगनू के शरीर में फास्फोरस होता है, जिस वजह से ये चमकते है | लेकिन बाद में इस दावे को ख़ारिज कर दिया गया |
इसके बाद 1794 में Lazzaro Spallanzani नाम के एक वैज्ञानिक ने साबित किया कि जुगनू में ल्युसिफेरिन नाम का एक प्रोटीन होता है, जो कि ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर चमकने लगता है | बता दे जुगनू में ये प्रोटीन उनके पाचन से संबंधित होता है |