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भगवान राम के भी थी एक बहन जिसका वर्णन रामायण में भी नहीं किया गया | जानिए ...

Oct 23 2018

Posted By:  Sandeep Verma

हमने रामायण को कई बार पढ़ा है और रामायण की कथा सदियों से सुनते भी आ रहे है | लेकिन इसमें भी कई ऐसी बातें है जिनका उल्लेख किसी भी कवि ने अपनी रचनाओं में नहीं किया है जिन्हें हम सिर्फ जनश्रुतियों के माध्यम से ही सुन सकते है 
उनमे एक कथा ये भी है की रामायण में राजा दशरथ के चार पुत्र थे लेकिन उनके एक पुत्री भी थी इसका उल्लेख रामायण में नहीं मिलता है |
            
राजा दशरथ के तीन रानियां थी | जिनका नाम कौशल्या, कैकई, सुमित्रा था | इनमे सबसे बड़ी रानी कौशल्या थी | इन्ही कौशल्या के पुत्र श्री राम थे | लेकिन भगवान राम से पहले इनके एक पुत्री भी थी जिसका नाम शांता था | शांता काफी समझदार, योग्य और अत्यंत शालीन पुत्री थी |


एक बार रानी कौशल्या की बहन वर्षिणी और उसके पति रोमपद अयोध्या आ गए | रोमपद अंग देश ( महाजनपद ) के राजा थे |
राजा रोमपद रानी वर्षिणी  को कोई संतान नहीं थी | रानी वर्षिणी ने राजा दशरथ से कहा की वह भी शांता की तरह होनहार पुत्री चाहिए तो राजा दशरथ ने अपनी पुत्री शांता को गोद देने का वर्षिणी को वचन दे दिया | इक्ष्वाकु वंश की ये परम्परा रही है की वह प्राण देकर भी अपना वचन निभाते है | 

जब वर्षिणी अयोध्या से गयी तो राजा दशरथ ने शांता को भी वर्षिणी के साथ जाने का आदेश दे दिया | अब अयोध्या बिना पुत्र और पुत्री के बिना सुनी हो गयी | फिर कुछ दिन पश्चात राजा दशरथ के कुल गुरु आचार्य वशिष्ठ अयोध्या पधारे | जब राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ को कहा की, हे गुरुवर ! अब मुझे पिता कहने वाला अयोध्या में कोई नहीं रह गया है तो आचार्य भी बहुत दुखी हुए |


बहुत सोच विचार कर आचार्य वशिष्ठ ने कहा की हे राजन आप दक्षिण दिशा में जाये वहां आपको एक ऋषि  मिलेंगे जिनका नाम श्रभ मुनि है वह ऋषि अथर्ववेद के पूर्ण ज्ञाता है | वे आपकी इस समस्या का समाधान कर देंगे | राजा दशरथ ने ऐसा ही किया | श्रभ मुनि ने एक यज्ञ किया | जिसमे से अग्नि देवता प्रकट हुए और अग्नि देव ने एक खीर का पत्र दशरथ के हाथो में दे दिया | जिन्हें दशरथ ने अपने रानियों को खिला दिया | ऋषि के आशीर्वाद और अग्नि देव की कृपा से तीनो रानियों को चार पुत्र हुए जिनका नाम राम, लक्ष्मण , भरत और शत्रुघ्न था | इस प्रकार राजा दशरथ ने अपनी पुत्री शांता को गोद देकर एक नहीं बल्कि चार पुत्र प्राप्त  किये |


रामायण से  इस बात का तो पता चलता है भगवान राम के तीन भाई और भी थे | परन्तु इस बात का पता नहीं चलता है की भगवान राम के एक बहन भी थी | 
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