महाभारत में एक प्रसंग आता है, जिसमें विदुर ने महाराज धर्तराष्ट्र को उपदेश देते है और मनुष्य की आयु कम करने वाले कारण बताते है |
ये है मुख्य कारण :
क्रोध : क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है | गीता में भी लिखा गया है की जिसने अपने क्रोध पर विजय प्राप्त कर ली वो ही इस युग में सुखी है | एक बात भी लिखी गई है की क्रोध से मनुष्य अँधा हो जाता जो उसे नर्क तक ले जाता है | इस प्रकार क्रोध से मनुष्य की आयु कम होती है |
संसारिक सुख : संसारिक सुख मनुष्य को जल्दी वृद्ध कर देतें है इसलिए त्याग की भावना होना बहुत ही जरूरी है | त्याग की भावना न रखने वाला मनुष्य अपनी उम्र को घटाता है |
में : में यानि अभिमान मनुष्य के पतन का कारण बनता है | अभिमानी व्यक्ति के दुश्मन अधिक और मित्र कम होतें है | इसलिए अभिमान मनुष्य की मृत्यु का करण भी है |
अधिक बातें करने वाला : बहुत अधिक बातें करने वाला व्यक्ति भी अपने पतन का कारण बनता है, और सभी उससे तंग आ जातें है इसलिए अपनी वाणी पर सयम होना जरूरी है नहीं तो उम्र कम होगी |
स्वार्थी व्यक्ति : स्वार्थी व्यक्ति कोई भी पाप करने से नही कतराता | वो बड़े से बड़ा पाप भी कर जाता है, जिसके कारण अशांति फ़ैल जाती है | जो व्यक्ति स्वार्थी होगा उसकी आयु कम हो जायगी |
मित्र न होना : जीवन में मित्रो का बहुत योगदान होता है क्युकी सच्चा मित्र हमे सही रह दिखायेगा और हमारे जीवन को सुखमय कर देगा | अगर मित्र नहीं है तो जीवन में अनेक मुश्किले आयेंगी जो हमारे दिमाग और मन को अशांत कर देंगी |