भारत विश्व का ऐसा देश है जिसके बारे में कहा जाता है की इसकी सरहदे हिन्दू मंदिरो से निर्धारित होती है | यह बात इससे भी सिद्ध होती है, भारत के चार कोनो में चार प्रमुख मंदिर स्थित है जिन्हे हम चार धाम कहते है | लेकिन आज हम भारत के उस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे है, जो इतना अनोखा है की यदि उसमे पंखा बंद कर दिया जाए तो मूर्ति के पसीने आने लगते है |
जी हाँ, आपको यह जानकार ताज्जुब होगा | लेकिन यह सत्य है | यह मंदिर भारत के राज्य मध्यप्रदेश के जिले जबलपुर में स्थित है | इसके बारे में यहाँ के भक्तो ने दावा किया है की यहाँ जो काली माता की प्रतिमा है, उसके गर्मियों में पसीना आता है | इसलिए भक्तो ने माता के लिए AC भी लगवाया हुआ है |
ऐसा कहा जाता है की यह मूर्ति गोंडवाना साम्राज्य के दौरान यहाँ स्थापित की गयी थी | यह कोई 50-60 साल पुरानी नहीं है बल्कि लगभग 500 वर्षो से भी अधिक पुरानी है | यहाँ माता की स्वयंसिद्ध देवी की प्रतिमा है, जो थोड़ी सी भी गर्मी सहन नहीं कर पाती है | विदेशी वैज्ञानिक भी इस रहस्य का पता नहीं लगा पाये है |
जब हमारी टीम ने सत्य की खोज करनी चाही तो पता चला की इस मूर्ति का निर्माण रानी दुर्गावती ने करवाया था | उन्होंने इसके साथ माता शारदा की मूर्ति भी बनवाने का आदेश दिया था | इन मूर्तियों को स्थापित करने के लिए मदनमहल पहाड़ी पर एक मंदिर भी बनवाया था | रानी दुर्गावती इन समस्त मूर्तियों को वहां स्थापित करवाना चाहती थी | लेकिन माता को यह मंजूर नहीं था
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मान्यता है की जब माँ शारदा और माँ काली ( स्वयंसिद्ध देवी ) जैसी अनेक मूर्तियों को बैलगाड़ियों पर मदनमहल पहाड़ी पर लाया जा रहा था | इन मूर्तियों के साथ जनसमुदाय और सैनिक भी थे | ऐसा कहते है की जबलपुर में आकर बैलगाड़ियां अपने स्थानों पर रूक गयी | सैनिको और लोगो ने बहुत प्रयास किया, लेकिन बैलगाड़ियों को खिसकाया नहीं जा सका |
अंत में यह फैसला किया गया की शायद बैल काफी थक गए है | इसलिए रात्रि में विश्राम किया जाये | प्रातः काल मूर्तियों को स्थापित किया जाये | उसी रात जनसमुदाय में से किसी लड़की को माता ने दर्शन दिए और कहा की मेरी मूर्ति इसी जगह स्थापित की जाये | यही जगह सबसे उत्तम है | जब इस बात का पता राजपरिवार को चला तो उन्होंने इस मूर्ति को जबलपुर में ही स्थापित करवा दिया |