हिन्दुओ में पूजा का बहुत बड़ा महत्त्व है | शायद ही हिन्दुओ में ऐसा परिवार हो, जिसके घर में पूजा ना होती हो | भारत में चाहे सूर्य उदय हो या ना हो | लेकिन घर में पूजा अवश्य होती है | लेकिन आज हम आपको वह दिन बतायेंगे, जिस दिन यदि कोई पूजा करता है तो वह बर्बाद हो सकता है | इस दिन पूजा तो दूर भगवान के दर्शन भी नहीं करने चाहिए |
यह विशेष दिन है चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण | इस दिन किसी भी व्यक्ति को पूजा नहीं करनी चाहिए | यदि की ऐसा करता है तो उसके घर में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है | इसके अतिरिक्त जिस दिन चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हो, उस दिन भगवान के दर्शन नहीं करने चाहिए | यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो कहा जाता है की वह देवताओ के क्रोध का शिकार होता है | इसके अतिरिक्त हिन्दुओ में कुछ और भी दन्त कथाये प्रचलन में है |
ऐसा कहा जाता है की प्राचीन काल में समुद्र मंथन किया गया था | जहाँ से अमृत कलश निकला था | जिसे भगवान श्री विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवता को पीला दिया था | लेकिन एक राहु नाम का राक्षस छद्म वेश धारण करके देवताओ की पंक्ति में आकर बैठ गया | भगवान विष्णु ने उसे भी अमृत का सेवन करा दिया था |
इस बात का पता सूर्य और चंद्र देव को चला | उन्होंने यह खबर देवता में आग की तरह फैला दी | जब इस बात का पता विष्णु भगवान को चला तो उन्होंने सुदर्शन चक्र के द्वारा राहु की गर्दन काट दी | इसके बाद राक्षसों के राजा बलि ने युद्ध की घोषणा कर दी | राक्षस राज बलि काफी ताकतवर राजा था | वह यदि चाहता तो तीनो लोको को जीत सकता था |
ब्रह्मदेव को इस बात की चिंता हुई और वे प्रकट हो गये | उन्होंने सभी देवताओ और राक्षसों को निकट बैठाया | ब्रह्मा जी ने कहा की युद्ध किसी मसले का हल नहीं है | यदि युद्ध हुआ तो तीनो लोको का विनाश हो जायेगा | इस पर राजा बलि ने कहा की भगवान विष्णु ने राहु का सर धड़ से अलग कर दिया है | चूँकि वह अमर है इसलिए उसे अनंतकाल तक ऐसे ही रहना पड़ेगा | राजा बलि ने भगवान विष्णु को दोषी ठहराया और उन्हें दंड देने की बात कही |
लेकिन सृष्टि के पालनकर्ता को दंड कैसे दिया जा सकता था | इसके बाद राजा बलि ने कहा की सूर्य और चंद्र ना होते तो राहु की गर्दन नहीं कटी होती | इसके बाद काफी वाद-विवाद हुआ | अंत में यह फैसला किया गया की इस पुरे मसले का आरम्भ सूर्य और चंद्र ने ही किया है | इसलिए उन्हें दंड दिया गया की वर्ष में एक बार राहु सूर्य देव और चंद्र देव को अपने मुख में दबा लेगा |
इसके अतिरिक्त अनेक विद्वान् अपना एक अलग मत प्रस्तुत करते है | हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार जब राहु सूर्य या चंद्र को निगल रहा हो और यदि कोई भी व्यक्ति देवताओ की पूजा करता है तो वह अगले जन्म में राक्षस बन जाता है | इस समय धर्म कर्म के कार्य नहीं करने चाहिए | लेकिन हवन इत्यादि कर सकते है |