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जानिए, क्या है अमरनाथ गुफा में दो कबूतरों का रहस्य
Feb 06 2019
अमरनाथ धाम हिन्दुओ का पवित्र धाम है अमरनाथ धाम के बारे में कहाँ जाता है की ये एक ऐसा शिव धाम है जहाँ भगवान शिव साक्षात विराजमान है | ये जगह धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टी में काफी महत्वपूर्ण है | इस पावन गुफा में बर्फीली बूंदो से बनने वाला शिवलिंग भगवान शिव के यहाँ विराजमान रूप को दर्शाता है | कहते हैं कि इस गुफा में कबूतर का एक जोड़ा सदियों से मौजूद है। क्या आप जानते है की इस गुफा में भगवान शिव कैसे पधारे थे ? तथा साथ ही इस गुफा में मौजूद कबूतर के जोड़े का क्या रहस्य है ? यदि नहीं जानते तो आप हम आपको इस रहस्य के बारे में विस्तार से बतायेगे |
कहते है एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से उनके अजर-अमर रहने तथा उनके गले में पडी नरमुंड माला का रहस्य जानना चाहा, जिसे भगवान शिव ने अनसुना कर दिया | लेकिन माता पार्वती ने इस रहस्य को जानने की जिद पकड़ ली | अंत में भगवान शिव ने इस रहस्य को माता पार्वती को बताने की बात मान ली | लेकिन इस रहस्य को बताने के लिए गुप्त जगह की आवश्यकता थी | अत : भगवान शिव माता पार्वती को साथ लेकर किसी गुप्त जगह की और चल पड़े |
भगवान शिव के साथ नंदी, चन्द्रमा, गंगा मैया, व शेषनाग भी थे | अत: भगवान शिव ने सबसे पहले नंदी को छोड़ा उन्होंने जिस जगह पर नंदी को छोड़ा था वह जगह आज पहलगाम के नाम से जानी जाती है जहाँ से अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ होती है | इसके बाद शिव जी ने चन्द्रमा को अपने से अलग किया उस जगह को चंदनबाड़ी के नाम से जाना जाता है | इसके बाद गंगा जी को पंचतरणी में और गले के सांपों को शेषनाग पर छोड़ दिया। जिसके कारण उस जगह का नाम शेषनाग पड़ा ये जगह भी अमरनाथ यात्रा के पड़ाव में शामिल है | अमरनाथ यात्रा का अगला पड़ाव गणेश टॉप है। मान्यता है कि इस स्थान पर शिव जी ने अपने पुत्र गणेश को छोड़ा था। इस प्रकार इन पांच चीजों को पीछे छोड़ने के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ उस गुफा में प्रवेश किया। गुफा में कोई अन्य प्राणी प्रवेश न कर पाए इसलिए शिव जी ने गुफा के चारों ओर अग्नि प्रज्ज्वलित कर दिया। जिसके बाद महादेव ने माता पार्वती को अपने जीवन के उन गूढ रहस्यों के बारे में बताना शुरू किया |
कहते है कथा सुनते सुनते माता पार्वती को नींद आ गयी | जब भगवान शिव ने पार्वती की तरफ देखा तो उनकी नजर उन कबूतर जोड़ो पर पडी ये देखकर भगवान शिव क्रोधित हो गए लेकिन जब कबूतर जोड़े ने भगवान शिव के पास आकर कहाँ की भगवान हमने आपकी अमर कथा सुनी है, यदि आप हमें मार देंगे तो आपकी कथा झूठी हो जाएगी | कहते हैं कि इस पर महादेव ने उस कबूतरों को वर दिया कि वो सदैव उस स्थान पर शिव और पार्वती के प्रतीक के रूप में रहेंगे |
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