अमेरिका के पोमोना कॉलेज में डेनियल मार्टिनेज नाम के एक व्यक्ति ने हाइड्रा पर रिसर्च की, जो 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' पत्रिका में प्रकाशित हुई है | रिसर्च के मुताबिक हाइड्रा जीव एक सेंटीमीटर लंबा होता है, और इसकी उम्र अब तक अज्ञात है | वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये हर परिस्थिती में किसी भी असर के बगैर जीवित रह सकता है |
हाइड्रा जीव का मूल शरीर (स्टेम) कोशिकाओं से बना होता है | उसमें बेहद कम कोशिकाएं होती है, इसकी मूल कोशिकाएं लगातार नई कोशिकाएं बनाने में सक्षम है | जिससे हाइड्रा के शरीर में लगातार नई कोशिकाएं बनती रहती हैं और वह सदा एक-सा बना रहता है |
डेनियल मार्टिनेज कहते हैं, उन्होंने अध्ययन की शुरुआत इस धारणा से की थी कि हाइड्रा पर बुढ़ापे के असर जरूर होता है, लेकिन उनके आंकड़ों ने उन्हें दो बार गलत साबित किया |
ताजे पानी में रहने वाले हाइड्रा का जीवन उस सिद्धान्त के विपरीत है, 'मृत्यु हर जीव की अनिवार्य प्रक्रिया है'. हाइड्रा तब मरता है जब कोई परभक्षी इसका शिकार करे. अतः इसमें अमरत्व का गुण पाया जाता है |
हाइड्रा ताजे पानी में पाए जाते है | बहते या रुके पानी में भी हो सकते है, वे झीलों में पाए जा सकते है, तेजी से बहने वाली धाराएं, जहां पत्थर, टहनियां, जलीय पौधे और वनस्पतियां हो वहां भी हो सकते है | प्रदूषित पानी में ये जीव नहीं पाए जाते है |
वैज्ञानिकों के मुताबिक, परिपक्वता के बाद इसकी प्रजनन क्षमता में गिरावट होती है | वैज्ञानिक ने यह भी कहा है कि यदि हाइड्रा में कोई वायरस आ जाए, रोगों का खतरा मंडराए तो उसके हमेशा जीवित रहने की संभावना कम है |