अपशब्द कहना अथार्त गाली देना आजकल लोगो का एक फैशन बन गया है | हम यहाँ गाली शब्द के लिये अपशब्द शब्द का इस्तेमाल करेंगे | क्योकी हमारी कुछ कंटेंट पालिसी सम्बन्धित मजबूरी है अत: उक्त भावार्थ को समझे | कहते है शिक्षा के बढ़ने से लोगो में शिष्टाचार आता है लेकिन आजकल के युवाओ में बात बात पर अपशब्दों का शिष्टाचार भरा है |
युवाओ में ही नहीं आजकल सभी लोगो में आम बातचीत में महिलाओ से जुड़े अपशब्दों का मिक्सअप होता है | अधिकतर अपशब्द औरतो के नाम पर ही बने होते है | लोग अपना गुस्सा जाहिर करने में या झगडे के दौरान इन अपशब्दों की बाढ़ ला देते है उस दौरान जो सबसे ज्यादा अपशब्द कहता है उसे आस पास के लोग विजेता घोषित कर देते है | ये हमारे समाज की वास्तविकता है |
क्या आप जानते है की इन अपशब्दों में महिलाओ से जुड़े नाम ही अधिक क्यों होते है वैसे पुरुषो से सम्बन्धित भी अपशब्द होते है लेकिन महिला अपशब्दो की अधिकता है | तो आज बताते है ऐसा क्यों होता है....
* नीचा दिखाने के लिए करते है औरतों का इस्तेमाल
औरतों पर बने अपशब्द हमारे समाज के काले सच को उजागर करते हैं जहां आज भी किसी को नीचा दिखाने के लिए औरतों का इस्तेमाल किया जाता है | अगर आपकी किसी के साथ लड़ाई हो जाती है और आप उसे नीचा दिखाना चाहते हैं या अपने मन की भड़ास निकालना चाहते हैं तो अपशब्दों का इस्तेमाल करते है वो भी मां..बहन..के |
* अपशब्दों से होती है औरतों की गरिमा की हानि
इससे पता चलता है कि औरतों का आज भी इस्तेमाल हो रहा है | आप और हम कहीं ना कहीं इस बात से सहमत हैं कि औरतों पर अपशब्द बनना गलत बात है, इससे औरतों की गरिमा की महिमा को हानि पहुंचती है | लेकिन आज भी इन शब्दों के जरिये महिलाओ की गरिमा को तहसनहस किया जा रहा है |
आज का सत्य ये है की लोग दिन में भगवान का नाम उतनी बार नहीं लेते जितनी बार इन महान शब्दों की पुनरावर्ती करते है |