22 मई बुधवार के दिन देश में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी, इस दिन भगवान गणेश जी के भक्त पुरे दिन उपवास-व्रत रखेंगे, गणेश चतुर्थी व्रत वैसे तो साल में कई बार पड़ता हैं | लेकिन ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले गणेश चतुर्थी व्रत की एक अलग ही अहमियत होती है इस दिन भक्त गणेश उत्सव के दौरान घर में गणपति की स्थापना करेंगे |
गणेश भगवान की मूर्ति स्थापना के बाद यह चतुर्थी गणेश भगवान को ही समर्पित करते है गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, कई स्थानों पर विनायक चतुर्थी को 'वरद विनायक चतुर्थी' के नाम से भी जाना जाता हैं | इस दिन भगवान गणेश
की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति, आर्थिक सम्पन्नता के साथ-साथ ज्ञान एंव बुद्धि भी प्राप्त होती हैं |
इस दिन ऐसे करें पूजा
- इस दिन भक्त तड़के सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान करें और इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें |
- दोपहर में भगवान गणेश की पूजा के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा और मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें |
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें
पूजा करते समय गणेश भगवान के मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' का उच्चारण करते हुए 21 दूर्वा घास स्थापित करें, इसके साथ भगवान गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाए | वहीं इनमें से 5 लड्डू ब्राह्मण को दान दे और 5 लड्डू भगवान गणेश के चरणों में दान करें, बाकि के लड्डुओं को प्रसाद स्वरूप बांट दे और शाम के समय गणेश चतुर्थी की कथा सुने | इसके साथ ही संकटनाशन गणेश स्त्रोत का पथ करके श्री गणेश जी की आरती करें, 'ॐ गणेशाय नमः' मंत्र की माला जपें