शास्त्रों और पुराणों के अनुसार मंगलवार का दिन भगवान श्री हनुमानजी का दिन माना जाता है, इस दिन बजरंग बली की अराधना का विशेष फल मिलता हैं | यह मंगलवार तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब यह ज्येष्ठ माह पड़ता है, ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं | हनुमानजी की कृपा दिलाने वाले बड़े मंगल की शुरुवात इस बार जेठ के महीने में 21 मई से इनकी शुरुवात हुई थी, इसके बाद 28 मई और अब 4 जून वह 11 जून को भी बड़ा मंगल पड़ेगा-रहेगा |
शुभ नक्षत्र में मनाया जायेगा तीसरा बड़ा मंगल
शास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ मास का तीसरा मंगल 4 जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगसिरा नक्षत्र में पड़ेगा, मृगसिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल भी माना जाता हैं | जो भगवान हनुमान की इस दिन सच्चे मन से पूछा-अर्चना करते है तो वह सबका मंगल करेंगे, अगर देखा जाये तो हनुमान के भक्तों के लिए यह एक अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी दिन हैं | देश में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महापर्व के रूप में मनाया जाता है, बड़ा मंगल के दिन लखनऊ के तक़रीबन हर मंदिर, सड़क, गली आदि में भगवान हनुमान जी की पूजा होती है और प्रसाद भी बटता हैं |
इस शुभ दिन श्रीराम से पहली बार मिले थे हनुमान
यहां मान्यता है कि प्रभु हनुमान ही पहली बार अपने आराध्य देव श्रीराम से ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन मिले थे, इसलिए यही कारण है कि इसे बड़ा मंगल कहा जाता हैं | क्योंकि मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन माना जाता है, इसलिए पुरे ज्येष्ठ माह में हनुमानजी से जुड़े इस अहम दिन विशेष रूप से साधना-आराधना की जाती हैं |
इस विधि से करें पूजा
शास्त्रों के जरिये बताया गया है कि बड़ा मंगल के दिन सात चिरंजीवियों में से एक भगवान हनुमान जी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती हैं | आपको ध्यान रखना है कि बजरंगबली उन सात पवित्र देवताओं में से एक है जो शरीर युगों-युगों से इस पृथ्वी पर मौजूद है, ऐसे में बगरंगबली के इस पवन पर्व पर उनकी विधि-विधान से पूजा करने पर सुख-समृद्धि और आशीर्वाद हमेसा आपके साथ बना रहेगा | बजरंगबली को समर्पित इस बड़ा मंगल पर्व के दिन भगवान हनुमान जी को पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ चना, गुड़, मीठी पूड़ी और चूरमे का चढ़ावा चढ़ाया जाता हैं | बताया जाता है कि इस दिन अन्न दान और जल दान का विशेष महत्व हैं |
इस पर्व से जुड़ी कई मंगलकारी वह चमत्कारिक कहानियां
इस पर्व से जुड़े पंडितो ने बताया कि यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही भक्ति भाव से इस महापर्व पर एक साथ दिखाई देते है और भगवान कि सच्ची श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाती हैं | लखनऊ में बड़ा मंगल मनाने के पीछे मान्यता है कि एक समय यहां के नवाब सआदतअली खां अत्यधिक बीमार पड़ गए, जिसके बाद उन्होंने स्वस्थ होने के लिए उन्होंने हनुमान से मन्नत मांगी थी | जिसके पूरे होते ही उन्होंने हनुमान जी का एक विशाल मंदिर बनवाया था जो आज अलीगंज में स्थित है इसलिए इस पर्व को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं |