हाल ही में जारी की गई एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल वार्मिग के चलते मगरमच्छ के हमलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है | एक ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ ने रविवार को इस बात का खुलासा किया है, सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी क्षेत्र में चार्ल्स डारविन विश्वविद्यालय में पर्यावरण और आजीविका अनुसंधान संस्थान के एक प्राणी शास्त्री एडम ब्रिटन ने कहा, "तापमान में वृद्धि के साथ ही मगरमच्छ ऐसे क्षेत्रों में चले जाएंगे जहां वे पहले कभी नहीं बसे या गए थे |"
इस रिपोर्ट के बारे में बताते हुए, उन्होंने कहा कि आबादी के इस प्रसार का तात्पर्य यह है कि अब ये सरीसृप उन लोगों के सम्पर्क में आएंगे जो पहले कभी इनके सम्पर्क में नहीं आए थे | ब्रिटन ने कहा, "जैसे-जैसे धरती गर्म हो रही है इसका मतलब यह है कि इसके प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में मगरमच्छ के हमलों में बढ़ोत्तरी होगी | क्योंकि जैसे-जैसे पृथ्वी का वातावरण गर्म होता जा रहा है, वैसे ही मगरमच्छों का फैलाव बढ़ता जा रहा हैं |
उन्होंने आगे इसकी जानकारी देते हुआ कहा, "हम इंडोनेशिया में देख रहे है कि मगरमच्छ उन जगहों पर जा रहे हैं | जिन्हें या तो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है या काफी लंबे समय से नहीं देखा है और इससे हमें हमलों की श्रृंखला भी देखने को मिल रही हैं | "ब्रिटन ने यह भी कहा, "अपने निवास स्थान के नुकसान के बाद मगरमच्छ इन स्थानों को स्थानांतरित हो जाएंगे और उन जगहों पर चले जाएंगे जहां लोग उनके आदि नहीं हैं | " ब्रिटन के मुताबिक, उत्तरी क्वींसलैंड के इलाकों में इन मगरमच्छों को देखा जा चुका है जिन्हें पहले शायद ही कभी देखा गया था |"