हम सभी ये तो जानते ही है कि आकाश में होने वाली खगोलिय घटनाओं को सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण का नाम दिया जाता है | लेकिन यह भी सच है कि धार्मिक दृष्टि से देखें तो इन घटनाओं से के होने से हमारे जीवन में होने वाली घटनाओं पर भी प्रभाव पड़ता है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कि आकाश में जो भी घटनाएं घटती हैं उनका ताल्लुक हमारे जीवन के ग्रहों पर जरूर पड़ता है |
आज हम जिस घटना के बारे में बात कर रहे हैं वो है सूर्य ग्रहण | जी हां इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 जुलाई को पड़ने वाला है | इस बार मंगलवार के दिन खग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा | यह सूर्य ग्रहण दक्षिण प्रशांत महासागर से प्रारम्भ होकर दक्षिणी अमेरिका के कुछ भागो में प्रवेश करते हुए एवं चिली होते हुए अर्जेंटीना में खग्रास रूप में दिखायी देगा |
सूतक काल
शास्त्रों में किसी भी ग्रहण के दौरान सूतक काल को अशुभ माना जाता है | इतना ही नहीं इस समय में कोई भी शुभ व नया काम करने की मनाही होती है | कहा जाता है कि इस समय में भगवान की भी पूजा नहीं करना चाहिए और ना ही किसी देवी देवता के दर्शन करने चाहिए | इसलिए आप जान लें कि हमेशा की तरह इस बार भी 2 जुलाई को सूर्यग्रहण के 12 घंटे से पहले ही सूतक लग जाएगा और यह ग्रहणकाल के समाप्त होने के मोक्ष काल के बाद स्नान, धर्म स्थलों को फिर से पवित्र करने के बाद ही समाप्त होता है |
सूर्य ग्रहण का समय
2 जुलाई को लगने वाले सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे तक रहेगी | जी हां भारतीय समय के अनुसार माने तो ये रात में 11.31 से शुरु होकर 2.15 बजे मध्यरात्रि तक रहेगा |
ग्रहणकाल के दौरान न करें ये काम-
शास्त्रों में ग्रहणकाल के समय किसी भी नए कार्य को करना अशुभ माना जाता है |
ध्यान रहे कि ग्रहणकाल के दौरान भोजन करना, खाना पकाना, नहाना, शौच के लिए जाना और सोना नहीं चाहिए |
इतना ही नहीं ग्रहण के समय में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ग्रहण खत्म होने के बाद पौधे को गंगाजल छिड़ककर शुध्द करना चाहिए |
इसके अलावा ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ग्रहण दर्शन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए |