पायरिया दाँतों की एक गंभीर बीमारी होती है जो दाँतों के आसपास की मांसपेशियों को संक्रमित करके उन्हें हानि पहुँचाती है | यह बीमारी स्वास्थ्य से जुड़े अनेक कारणों से होती है, और सिर्फ दांतों से जुड़ी समस्याओं तक सीमित नहीं होतीं | यह बीमारी दाँतों और मसूड़ों पर निर्मित हो रहे जीवाणुओं के कारण होती है |
पायरिया के लक्षण और कारण
नियमित आहार और दाँतों की रक्षा में रुक्षांस की कमी या पूर्ण रूप से अभाव | दाँतों में खान पान के कण अटकना और दाँतों का सड़ना, दाँतों पर अत्यधिक मैल जमना, मुँह से दुर्गन्ध का निकलना और मुँह में अरुचिकर स्वाद का निर्माण होना | जीवाणुओं का पसरण, मसूड़ों में जलन का एहसास होना और छालों का निर्माण होना, जरा सा छूने पर भी मसूड़ों से रक्तस्राव होना इत्यादि पायरिया के लक्षण होते हैं |
नीम या बबूल से मंजन करें
पुराने समय में लोग नीम या बबूल की लकड़ी से दातुन किया करते थे, जिसकी वजह से उन्हें दांतों से जुड़े रोग नहीं होते थे | इसलिए आयुर्वेद में भी दांतों के लिए नीम और बबूल की लकड़ी को काफी गुणकारी बताया गया है, नीम की लकड़ी के अलावा नीम के पत्तों से भी अगर मंजन किया जाये तो दांत मजबूत बने रहते है | इनकी रक्षा कई तरह के रोगों से होती है |
सरसों का तेल और सेंधा नमक
यह पायरिया के उपचार के लिए एक बहुत ही प्रचलित औषधि है | सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर लगाने से दांतों से निकलती हुई दुर्गन्ध और रक्त बंद होकर दांत मजबूत होते हैं और पायरिया जड़ से निकल जाता है |
जामुन की छाल
शोध के मुताबिक जामुन की छाल में भी कई ऐसे तत्व मौजूद होते है जिनको दांतों के लिए गुणकारी माना गया है | वहीं जामुन की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से पायरिया के कई रोगों को खत्म किया जा सकता है | पायरिया होने पर आप जामुन की छाल को लेकर उसे अच्छे से साफ कर लें | इसके लिए आप दो गिलास पानी गैस पर गर्म करने के लिए रख दें, और इस पानी के अंदर जामुन की छाल डाल दें | अब आप इस पानी को अच्छे से उबाल लें और जब ये पानी बर्तन में आधा रह जाये तो गैस को बंद कर दें | अब आप इस पानी को छान लें और पानी थोड़ा ठंडा होने के बाद इस पानी से कुल्ला कर लें | जामुन की छाल के पानी से दिन में तीन बार कुल्ला करने से पायरिया रोग जड़ से खत्म हो जायेगा |
नीम का तेल
नीम का दातुन दांतों को सेहतमंद बनाने के लिए उपयोग होता ही है लेकिन नीम का तेल भी बहुत ही गुणकारी है | नीम के तेल को अगर आप अपने मंजन में मिला लें और उसी से रोजगार साफ करें तो आपके दांतों और मसूड़ों दोनों को मजबूती मिलती है | जिससे उनमें सड़न नहीं लगती इसमें ऐसे कई गुण है जो दांतो में होने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं जिससे कीड़ा लगने का डर भी नहीं रहता है |
फिटकरी से मंजन करें
फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है | दांत में दर्द और मुंह की बदबू को दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है | ये एक नेचुरल माउथवॉश है, दांत दर्द होने पर फिटकरी के पानी से गार्गल करना फायदेमंद रहता है |
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला रात को पानी में भिगोकर रखें | सुबह मंजन करने के बाद यह पानी मुंह में भरकर रखें, थोड़ी देर बाद निकाल दें | इससे दांत व मसूड़े वृद्धावस्था तक मजबूत रहते हैं | इससे अरुचि, मुख की दुर्गंध व मुंह के छाले नष्ट होते हैं |
करें इस मिश्रण से मालिश
पायरिया के अनेक घरेलू उपाय है पायरिया होने पर आप इस नुस्खे को जरूर आजमाए | इस घरेलू उपाय के तहत आप 5 ग्राम काली मिर्च, लौंग, अजवायन 2 ग्राम, सूखा अदरक 5 ग्राम, कपूर 1 ग्राम और सेंधा नमक लेकर इन्हे अच्छे से पीस लें और इनका पाउडर बना लें | फिर आप इस चूर्ण से अपने दांतों की मालिश दिन में दो बार करें, क्योंकि ये चूर्ण बेहद ही असरदारक होता है और इससे पायरिया एकदम सही हो जाता है |
इन बताए गए पायरिया के उपायों को आप जरूर आजमाकर देखे | इन उपायों को आजमाने से पायरिया रोग से आपको निजात-मुक्ति मिल जाएगी |
पायरिया होने के कारण
1. सही से दांतों की सफाई ना करने से पायरिया का रोग हो जाता है |
2. लिवर खराब होने का असर कई बार दांतों पर पड़ता है और इसके कारण दांतों में पायरिया का रोग लग जाता है |
3. पान, गुटका और तम्बाकू जैसी हानिकारक चीजे खाने से भी ये रोग बढ़ता है |
4. जो लोग भोजन को ठीक से चबाकर नहीं खाते है उन लोगों को पायरिया की समस्या हो जाती है |
5. डॉक्टरों के मुताबिक पेट में कब्ज रहने से भी पायरिया हो जाता है, इसलिए आप अपने पेट में कब्ज ना होने दें और कब्ज होने पर तुरंत दवा लें |