मानव जीवन को बेहतर और सफल बनाने के लिए शास्त्रों में कई तरह के उपदेश दिए गए हैं | प्राचीन काल में बताये गए वो रास्ते वर्तमान समय में कारगर नजर आते हैं | नीतियों के महान ज्ञाता और जानकार शुक्राचार्य ने दुनिया में भरोसे को बहुत जरूरी माना | भरोसा और विश्वास लोगों को एकदूसरे के करीब लाता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है |
लेकिन शुक्राचार्य के मुताबिक कुछ मामलों में दूसरों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए | जानते हैं विद्वान शुक्राचार्य के मुताबिक किन-किन परिस्थितियों में दूसरों पर भरोसा नहीं करना चाहिए |
अपना जीवनसाथी-
परम ज्ञानी शुक्राचार्य ने शुक्रनीति में इस बात का जिक्र किया है, कि व्यक्ति को कभी भी दूसरों पर भरोसा करके अपना जीवनसाथी उनके साथ नहीं छोड़ना चाहिए | आप जितने अच्छे ढंग से अपने साथी की मान मर्यादा और जरूरतों का ख्याल रख सकते हैं, उतना ध्यान कोई भी दूसरा शख्स नहीं रख सकता है | चाहे वो आपका कितना भी करीबी और विश्वास पात्र हो |
इसका एक उदाहरण आपको रामायण में ही मिल जाएगा | भगवान श्री राम ने अपने भाई लक्ष्मण पर विश्वास करके माता सीता की जिम्मेदारी सौंपी थी, कारण चाहे जो भी हो लेकिन लक्ष्मण माता सीता को कुटिया में अकेला छोड़ गए जिसका लाभ रावण को मिला और वो माता का हरण करके ले गया | अगर प्रभु राम स्वयं वहां होते तो वो उस स्थिति को टाल सकते थे |
एक अन्य उदाहरण राधा और श्री कृष्ण का मिलता है | जब राधा श्री कृष्ण की किसी बात से नाराज होकर गोलोक चली जाती हैं और अपनी गैर-मौजूदगी में अपनी सखी ललिता को श्री कृष्ण का ध्यान रखने के लिए कहती हैं | राधा जब लौटकर आती हैं तब वो अपनी सखी ललिता और कृष्णा को हास-परिहास करते हुए पाती है, और इससे उनका क्रोध बढ़ जाता है |
धन संपत्ति-
धन संपत्ति या पैसों के मामले में किसी भी दूसरे व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए | धन के मामले में लोगों की नियत बदलते देर नहीं लगती है, इसलिए अपने हर लेनदेन का लेखा जोखा अपने पास रखें | शास्त्रों में ये बात कही गयी है कि मनुष्य को अपनी जमा पूंजी की निगरानी खुद ही रखनी चाहिए |
अपनी किताबें-
शुक्राचार्य के मुताबिक पुस्तक सबसे बड़ा ज्ञान का स्रोत है, और इसे दूसरों के हाथ में नहीं देना चाहिए | आप अपनी पुस्तक का जितना अच्छे से ख्याल रखेंगे, उतना कोई दूसरा व्यक्ति नहीं रख सकता है | कई मामलों में आपको अपनी पुस्तक वापस नहीं मिलेगी और अगर मिल भी जाती है तो उसकी स्थिति पहले जैसी ठीक नहीं होगी |