पुराणों और शास्त्रों में बताया गया है की जो इंसान लालची, बेईमान,कपटी होता है और जो इंसान हर बात पर झूठ का सहारा लेता है, लोगो के साथ धोखाधड़ी करता है दुसरो का फायदा उठता है ऐसा इंसान असामयिक मौत का भागी बनता है, इसीलिए अपने जीवन में ऐसी चीजे नहीं अपनानी चाहिए जिनसे दूसरी जीवात्मा को ठेस पहुंचे नुकसान पहुंचे |
आपने नाख़ून चबाते हुए कई लोगो को देखा होगा, इसे बहुत ही बुरी आदत माना गया है, ऐसी आदत शनि के कोप का भागी भी बना सकती है, इसलिए अपने आस पास भी हमेशा साफ़ सफाई रखनी चाहिए, गंदी जगह या स्थानों पर कभी देवी देवता का निवास नहीं होता है |
हिन्दू धर्म के पुराण महाभारत के एक अध्याय "अनुशासन पर्व " के अनुसार युधिष्टर को पितामह भीष्म में धर्म और कर्म से संबंधित ज्ञान प्रदान किया था, जिसमे उन्होंने बताया था की अध्ययन करते समय किसी भी प्रकार की वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से माँ सरस्वती रुष्ट हो सकती है और यम भी नाराज हो सकते है, इसलिए अध्ययन के समय कुछ भी खाना असमय मौत का कारण बन सकता है, अतः पढ़ते समय खाने से बचना चाहिए |
मान्यता के अनुसार कभी भी आकाश में चढ़े हुए सूर्य को नहीं देखना चाहिए ऐसा करने से उम्र घटती है और ऐसा करने से यम देवता भी नाराज हो सकते है |
हिन्दू धर्म में बचपन से ही भोजन का सम्मान करना सिखाया गया है, इसिलए कभी भी भोजन करते समय बीच में नहीं उठना चाहिए और भोजन को जूठा नहीं छोड़ना चाहिए और भोजन करने से पहले हाथ अवश्य धोने चाहिए, हाथ धोये बिना भोजन को छूना पाप के समान है ऐसा करने से भोजन का अपमान होता है
हिन्दू धर्म में मंगलवार और शनिवार को नाख़ून काटना और बाल काटना पाप माना गया है, साथ ही मास मच्छी का सेवन और मदिरा पान भी वर्जित है, इसलिए ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए ऐसी स्थिति से हमेशा बचना चाहिए |