हमारे समाज में त्योहारों विभिन्न प्रकार के सुअवसरों पर एक दूसरे को उपहार देने का प्रचलन है, किसी को उपहार देना अपनी ख़ुशी को दर्शाता है, वैसे लोग कई प्रकार के उपहार भेंट करते है लेकिन फिर भी कुछ चीजे ऐसी होती है जिन्हे उपहार स्वरूप देने से कई प्रकार की परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है, ऐसी चीजे मानसिक परेशानियो के साथ आर्थिक परेशानियो का भी कारण बन सकती है |रुमाल कभी गिफ्ट न करे
कई बार देखने में आता है की लोग छोटी सस्ती चीजे गिफ्ट करने के चक्कर में रुमाल भी गिफ्ट कर देते है लेकिन रुमाल को गिफ्ट करना नकारात्मकता को बढ़ाता है, रुमाल भेंट करना आपसी प्रेम भाव में कड़वाहट लाता है,इसलिए कभी किसी को भी रुमाल भेंट नहीं करना चाहिए |
गणेश जी की मूर्ति लेकिन
भगवान को प्रतिमा भेंट करना अच्छी बात है ये शुभता का भी प्रतीक है लेकिन कई बार गणेश जी की मूर्ति भेंट करते समय हम माँ लक्ष्मी की मूर्ति भी गिफ्ट कर देते है ऐसा करना सही नहीं है, इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए की गणेश जी की मूर्ति भेंट करते समय उस के साथ माँ लक्ष्मी की प्रतिमा न हो ऐसा करने से धन संबंधी हानि होने का खतरा बढ़ जाता है |
सिक्के दे लेकिन
हमारे यह विभिन्न त्योहारों पर लेकिन दीपावली पर सबसे ज्यादा सोने चांदी के सिक्के देने का चलन है, ऐसा करना अच्छा भी है ये प्रेम भाव का प्रतीक है लेकिन कई बार ऐसे सिक्के भी दिए जाते है जिन पर माँ लक्ष्मी की तस्वीर अंकित होती है ऐसे सिक्के कभी भी भेंट नहीं करने चाहिए |
नुकूली और धारदार वस्तुए
आमतौर पर उपहार में कई प्रकार की वस्तुए दी जाती है जिसमे कई बार हम डिज़ाइनर चाक़ू या तलवार जैसी चीजे भी भेंट कर देते है ऐसी चीजे कभी भी अपने निकटवर्ती मित्रो, परिवारजनों को भेंट नहीं करनी चाहिए ये आपसी रिश्तो में दूरियां लाती है |
कभी न दे ऐसी किताबे
उपहार में किताबे भेंट करना अच्छा है लेकिन कई बार हम लोगो को धार्मिक किताबे भेंट करते है लेकिन धार्मिक किताबो का भेंट करना हमे पाप का भागी भी बना सकता है, इसलिए धार्मिक किताबे ऐसे व्यक्तिओ को ही भेंट करनी चाहिए जो धार्मिक हो, धर्म कर्म में विश्वाश रखता हो और आस्तिक हो |