आजकल जहां देखो सभी युवा अपने कान में इयरफोन लगाए नज़र आते है, आप में से भी कई लोग इयरफोन का इस्तेमाल करते है, जब भी हम बोर हो रहे होते है या खाली समय बिताने के लिए हमे इयरफोन का सहारा लेना ही पड़ता है इसके अलावा हम लोग किसी काम को करते समय और घूमते समय भी इयरफोन का इस्तेमाल करते है, लेकिन क्या आप जानते है इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल आपको गंभीर खतरे में डाल सकता है, इयरफोन के नियमित इस्तेमाल से आपके कान पर बुरा असर पड़ता है और इसके साथ ही कई अन्य कान संबंधी बीमारिया भी हो सकती है |
बहरापन
इयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बहरेपन का खतरा 90 % तक बढ़ जाता है, बहरापन न सिर्फ सुनने की शक्ति कम करता है इसके साथ ही मानसिक परेशानी का भी कारण बनता है, हमारे कानो के सुनने की क्षमता 90 डेसीबल तक होती है और अगर इससे ज्यादा ध्वनि हमारे कानों में पड़ती है तो हमारे कान की सुनने की शक्ति बहुत ही कम हो जाती है, इसीलिए इयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से हमारे सुनने की शक्ति 40 से 50 डेसीबल तक कम हो जाती है जिससे हम बहरेपन की गंभीर समस्या के शिकार हो जाते है |
हृदय रोग
इयरफोन में तेज आवाज के इस्तेमाल से हमारे हृदय पर भी असर पड़ता है, काम आवाज या कर्णप्रिया आवाज के मुकाबले ज्यादा तेज आवाज सुनने से हमारे दिल की धड़कने भी तेज हों जाती है जिससे हमारे दिल जोर से धड़कने लगता है और ये हृदय संबंधी रोगों को बढ़ावा देता है |
कर्ण संक्रमण
कई बार लोग अपनी इयरफोन की बजाय दुसरो की इयरफोन इस्तेमाल कर लेते है ऐसा करना सही नहीं है, कभी भी दूसरे की इयरफोन इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, ऐसे दूसरे की इयरफोन का इस्तेमाल कान के संक्रमण को फैलता है |
सर दर्द
इयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से माइग्रेन जैसी बीमारी भी हो सकती है, इयरफोन में विद्युत चुंबकीय तरंगे होती है जो सीधे हमारे कान से होते हुए हमारे दिमाग तक पहुँचती है और ये तरंगे हमारे मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालती है जिससे सर दर्द, नींद न आना जैसी बीमारियां होने लगती है |
कान का सुन्न होना
तेज आवाज में गाने सुनने से कई बार के सुन्न होने जैसी शिकायते भी आती है, ज्यादा ऊँची या तेज आवाज में गाने सुनने से हमारे कान कई बार सुन्न हो जाते है जिससे कानो में छन्न छन्न की आवाज आने लगती है और सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है |