आज हमारे मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है, लगभग मेडिकल साइंस के पास हर बीमारी का कोई न कोई तोड़ जरूर है लेकिन आज भी कुछ ऐसी बीमारियां है जिनका इलाज इतने दशकों बाद भी हासिल नहीं हो पाया है, इन बीमारियों में से कुछ बीमारिया तो इतनी खतरनाक है जो अगर किसी मनुष्य को हो जाये तो उसका पूरा जीवन खतरे में पड़ जाता है, वो पूरी जिंदगी उस बीमारी का शिकार बन के रह जाता है, आज हम आपके लिए ऐसी कुछ बीमारियों के बारे में जानकारी लेकर आये है जो इंसान को विकलांग बना सकती है |
पार्किन्सन डिजीज
पार्किन्सन डिजीज बहुत ही खतरनाक बीमारी है, इस बीमारी में रोगग्रस्त व्यक्ति के हाथो और पैरो में कम्पन होने लगता है जिस कारण वो कोई भी काम नहीं कर पाता है, शरीर में होने वाला यह कम्पन रुक रुक कर होता होता जिस कारण व्यक्ति को चलने फिरने में भी तकलीफ होने लगती है | कभी कभार इस वजह से व्यक्ति नीचे भी गिर जाता है और साथ ही उठने और बैठने के लिए भी किसी न किसी सहारे की जरुरत पड़ती है |
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
यह बीमारी दिमाग से संबंधित बीमारी है, यह बीमारी रक्त से होती हुई हमारे दिमाग तक पहुँचती है, इस बीमारी से हमारा केंद्रीय नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है, ये सीधा नर्वस सिस्टम पर हमला करती है | इस बीमारी में हाथो पैरो में सूजन आने लगती है जो धीरे धीरे पुरे शरीर को प्रभावित करने लगती है, और इस बीमारी की वजह से कोशिकाओं की वृद्धि और नई कोशिकाओं का बनना दोनो ही रुक जाते है, और शरीर का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कमज़ोर हो जाता है और दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर दाग बन जाते है, अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज न कराया जाये तो व्यक्ति विकलांग भी हो सकता है |
डुपुयट्रेन डिजीज
इस बीमारी के होने का मुख्य कारण आनुवंशिकी भी हो सकता है ये एक आनुवंशिक बीमारी होती है, इस बीमारी में हाथो की उंगलियों की चमड़ी सिकुड़ने लगती है और उंगलियों में बेंड भी पड़ जाता है जिस कारण उंगलिया मुड़ी रह जाती है, इस वजह से काम करने में भी परेशानी उठानी पड़ती है | इस बीमारी में हाथ और पैरो की उंगलिया तो बिगड़ती है ही साथ ही में मेल प्राइवेट पार्ट को भी खतरा होता है |
सेरेब्रल पाल्सी
ये बीमारी पक्षाघात भी कहलाती है ये बीमारी बच्चो में होती है, ये एक प्रकार का दिमागी लकवा है इस बीमारी में दिमाग का वो हिस्सा प्रभावित होता है जिससे हम हमारी मासपेशियो को हिलाते है, इस बीमारी से बच्चा कोई सामान्य काम करने में भी असक्षम हो जाता है, इस बीमारी का आज तक कोई इलाज नहीं खोज पाया है |