हमारा भारत देश विविधताओं वाला देश है हमारे देश मैं दुनिया के सभी धर्म पाए जाते है | भारत देश मैं कुछ ऐसी परम्पराये भी है जिन्हे जानकार लोग आश्चर्य मैं पड़ जाते है | हमारे देश मैं प्राचीनकाल से जीवो की पूजा करने की प्रथा चली आ रही है | आज मैं आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे मैं बताने जा रहा हूँ जिसे जानकार आपको हैरानी तो जरूर होगी | हमारे देश मैं एक मंदिर ऐसा है जिसमे मेंढक की पूजा की जाती है | ये हमारे देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमे मेंढक को पूजा जाता है |
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी के ओयल कस्बे मैं ये मंदिर स्थित है | इस मंदिर की ख़ास बात ये है की यहाँ एक बड़ा सारा मेंढक है जिसकी लोग पूजा करते है | लोगो का ऐसा मानना है की ये मेंढक भगवान शिव की रक्षा करता है और भगवान शिव इस मेंढक की पीठ पर बैठे है |
पुरे भारत देश मैं ये ऐसा एकमात्र मंदिर है जहाँ मेंढक की पूजा की जाती है | इस मंदिर मैं एक नर्मदेश्वर महादेव की एक शिवलिंग है जो रंग बदलती रहती है और इस मंदिर मैं एक नंदी की मूर्ति है जो खड़ी है ये इस मंदिर की ख़ास बातें है क्योंकि नंदी हमेशा बैठे ही नजर आते है मगर इस मंदिर मैं खड़े है |
इस मंदिर की वास्तुकला की परिकल्पना कपिला की एक महान तांत्रिक ने की थी इसी कारण कुछ लोग इसे तांत्रिक मंदिर भी कहते है ये मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है | स्थानीय लोगो का कहना है की इस मंदिर का निर्माण बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने की लिए किया गया था |
इस मंदिर क़े दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आते है | दीपावली और शिवरात्रि क़े मोके पर यहाँ बहुत ज्यादा संख्या मैं भक्तो की भीड़ लगी रहती है ऐसी मान्यता है की जो भी भक्त इस मंदिर मैं पूजा अर्चना करने आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है, भगवान उसके सभी दुखो को दूर कर देते है | ये मंदिर शैव इलाके मैं स्थित है इसीलिए यहाँ सिर्फ भगवान शिव की पूजा की जाती है और किसी देवी देवता की नहीं |