हमारे देश मैं शादी और उससे जुडी हुई रस्मो की बहुत मान्यता है शादी से पहले हमारे देश मैं कई रस्मो को निभाया जाता है जिसमे पूजा पाठ के साथ साथ मस्ती भी बहुत की जाती है शादी कि पहले की रस्मो की बात करे तो हल्दी , मेहंदी, संगीत और तिलक का ख्याल आता है | शादी मैं हर रस्म के अपने अलग अलग मायने होतें है आज हम आपको हल्दी की रस्म के बारें मैं बताने जा रहे है की शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन को हल्दी क्यों लगाई जाती है आईये जानते है इस रस्म के बारें मैं...
1 . सौन्दर्य निखारने के लिए :-
हल्दी मैं कई ऐसे औषधीय और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है जो हमारी त्वचा को और अधिक चमकदार और साफ़ करते है पुराने जमाने मैं महिलाये अपने रुप रंग को निखारने के लिए हल्दी का ही इस्तेमाल करती थी उस जामने मैं लोगो के पास ब्यूटी प्रोडक्ट्स तो होते नहीं थे और चेहरे पर निखार लाने के लिए हल्दी का ही प्रयोग करते थी | शादी से पहले दुल्हन चाहती थी की वो शादी वाले दिन सबसे जुदा दिखे इसी को ध्यान मैं रखते हुई दुल्हन और दूल्हा को हल्दी लगाई जाती थी और ये रस्म पुराने ज़माने से अभी तक चली आ रही है |
2 . पीला रंग है खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक :-
पीले रंग को खुशहाली और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है हल्दी के रंग को भारतीय संस्कृति मैं काफी शुभ माना जाता है ऐसी मान्यता है कि पीला रंग नवविवाहित जोड़े के लिए खुशहाली से भरपूर और समृद्धि के लिए एकदम सटीक माना गया है इसीलिए शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगायी जाती है कई संस्कृतियों मैं शादी के दिन दूल्हा और दुल्हन पीले कपड़ो मैं ही नजर आते है और कई जगह तो शादी मैं फैरो से पहले दूल्हा और दुल्हन को पीले वस्त्र पहना दिए जाते है |
3 . सुरक्षा कवच का काम करती है हल्दी :-
औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है लोग इसे सुरक्षा कवच के समान मानते है भारत के कई देशो मैं हल्दी का प्रयोग दूल्हा और दुल्हन को बुरी नजरो और आत्माओ के प्रकोपों से बचाने के लिए लगाते है ऐसा माना जाता है कि दूल्हा और दुल्हन के शरीर से हल्दी लगाने से आत्माये उनसे दूर रहती है शायद इसी वजह से दूल्हा और दुल्हन को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता है |