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लड़की हो या लड़का गलती से भी रात को न करें ये 05 काम, वरना हो सकता है बहुत बुरा..

Aug 21 2019

Posted By:  Anil

शास्त्रों में ऋषियों ने जीवन के लिए आवश्यक विविध कार्यों के लिए समय निर्धारित किया है | रात्रि के लिए भोजन, शयन आदि के संबंध में अनेक उपयोगी बातें उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर लिखी हैं | रात्रि से पूर्व यानी संध्या का समय देवपूजन के लिए इसलिए भी निश्चित किया गया है ताकि मनुष्य विकारों से दूर रहे और उसके मन में सकारात्मकता का प्रवाह अधिक हो |
 

चूंकि रात के अंधकार में नकारात्मकता का आधिक्य होता है | इसी प्रकार ऋषियों ने रात को कुछ विशेष कार्यों का निषेध भी किया है | खासतौर से महिलाओं को इन कार्यों से दूर रहने की सलाह दी गई है | इनका परिणाम शुभ नहीं होता | जानिए कौनसे हैं वे कार्य..


1- सोलह शृंगारों में से एक सुगंधित पदार्थ लगाना भी माना जाता है | शास्त्रों में कहा गया है कि रात्रि को सुगंधित पदार्थ, इत्र आदि नहीं लगाने चाहिए | इससे मनुष्य पर नकारात्मक प्रभाव होता है | उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कमजोर होता है | अतः रात्रि को सुगंधित पदार्थ नहीं लगाने चाहिए |

2- केश भी मनुष्य की शोभा बढ़ाते हैं | महिलाओं के लिए केशों के संबंध में विभिन्न धर्म के ग्रंथों में अनेक उपयोगी बातें कही गई हैं | रात्रि को खुले केश रखने का शास्त्रों में निषेध किया गया है | माना जाता है कि इसका जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव होता है | खुले केश नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते है, ये भाग्योदय में बाधक होते हैं |

3- प्रायः श्मशान का दृश्य बहुत भयानक होता है | वहां का वातावरण साधारण जन के लिए शुभ व प्रसन्नता-दायक नहीं माना जाता | श्मशान के पास भी नकारात्मक ऊर्जा का आधिक्य होता है | अतः रात्रि को श्मशान आदि के पास नहीं जाना चाहिए |


4- दिन ढलने के बाद व्यक्ति को अपने घर में ही रहना चाहिए | अगर किसी कार्यवश बाहर जाना हो तो परिवार के सदस्य आदि को साथ लेकर जाना चाहिए | शास्त्रों में स्त्री व पुरुष दोनों के लिए कहा गया है कि वे एकांत में किसी से मिलने न जाएं | खासतौर से किसी अजनबी अथवा बुरे चरित्र वाले मनुष्य के साथ मुलाकात नहीं करनी चाहिए | इसका अशुभ परिणाम मिलता है | साथ ही कोई अनिष्ट भी घटित हो सकता है |

5- धार्मिक मान्यताओं में चौराहे को नकारात्मक ऊर्जा का स्थान माना गया है | अक्सर परिवार के बुजुर्ग चौराहे के बीच से न आने की सलाह देते हैं | चौराहे पर चारों दिशाओं की संधि होती है | रात्रि काल में तांत्रिक प्रवृत्ति के लोग इनका उपयोग भी करते हैं | अतः ऋषियों ने महिलाओं सहित हर मनुष्य को यह निर्देश दिया है कि वे रात को चौराहे पर न जाएं |

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