आपने सभी देवी देवताओ के मंदिर देखे होंगे ओर उनके बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी यमराज के मंदिर के बारे में सुना है, वैसे देखा जाए तो यमराज के नाम से सभी भयभीत होते है, लोगो की एक कामना रहती है की उन्हें कभी भी यमराज के दर्शन ना हो क्योंकि यमराज को मौत का देवता कहा जाता है और यमराज का दिखाई देना मौत का आगमन माना जाता है, इसीलिए सब यमराज के नाम से भी खौंफ खाते है |
आज हम आपको एक यमराज मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, पूरी दुनिया में यमराज का सिर्फ एक मंदिर है और कोई भी वहां जाना नहीं चाहता है, सभी वहां जाने से कतराते है, यह मंदिर हिमाचल के भरमौर में स्थित है, ऐसा माना जाता है की मरने के बाद मनुष्य की आत्मा सबसे पहले इसी मंदिर में आती है और यहां स्वयं यमदेव उसका निर्णय करते है की वह स्वर्ग जाएगी या नरक |
इस मंदिर के बारे में पुराणों में भी उल्लेख मिलता है, इस मंदिर के बारे में बताया जाता है की यह मंदिर इस धरती का केंद्र है और जब कोई जीवात्मा अपने शरीर से मुक्त होती है तो इस मंदिर में आती है क्योंकि इस मंदिर से ही दूसरे आयाम में प्रवेश किया जा सकता है | पुराणों के अनुसार हमारे भौतिक संसार में हमारे साथ यमदूत भी रहते है जो जीवात्मा को इस मंदिर तक पहुचाते है |
जानकारी के लिए बता दे कि इस मंदिर में एक कमरे को खाली रखा गया है कहा जाता है कि यह कमरा यमदेव का कक्ष है, और इस मंदिर में 4 दरवाजे बने है जो कि सोने, चांदी, ताम्बे, और लोहे के है, मान्यताओं के अनुसार जीवात्मा को उसके कर्मो के अनुसार ही इन दरवाजो से भेजा जाता है, सभी दरवाजे अपना अलग महत्व रखते है, सोने के दरवाजे के पार कोई महान आत्मा ही जा सकती है |
इस मंदिर के दर्शन करने आने वाले ज्यादातर दर्शनार्थी इस मंदिर के बाहर ही माथा टेक कर चले जाता है, वे मंदिर के अंदर जाने से कतराते है, कहते है कि इस मंदिर में एक अलग ही प्रकार कि ठंडक का अनुभव होता है, इस मंदिर में पूजा करने से व्यक्ति के मन से अकाल मृत्यु का भय चला जाता है |