हमारे हिन्दू धर्म मैं बहुत से देवी देवताओ की पूजा की जाती है | सभी लोग अपनी इच्छानुसार अपने देवी देवताओं को पूजते है | अपने देवी देवताओ को प्रसन्न करने के लिए लोग उनके मनपसंद प्रसाद को चढ़ाते है ताकि भगवान उनसे प्रसन्न हो जाए | सभी देवी और देवताओं की कुछ न कुछ पसंदीदा चीजे होती है जैसे भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते बहुत प्यारे होते है इसलिए उनके किसी भी अवतार की पूजा की जाती है तो उन्हें तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाये जाते है | भगवान शिवशंकर को बेलपत्तर बहुत प्रिय होते है इसलिए उनकी पूजा के दौरान उन्हें बेलपत्तर जरूर चढ़ाते है ताकि भगवान शिवशंकर प्रसन्न हो जाये और अपने भक्तो की हर मनोकामना पूर्ण कर दें...
आपने अक्सर देखा होगा की जब हम गणेश जी की पूजा करते है तो उन्हें तुलसी नहीं चढ़ाते है क्योंकि गणेश जी को तुलसी चढ़ाना वर्जित माना गया है ऐसा कहा जाता है की अगर गणेश जी को तुलसी चढाई जाती है तो वो नाराज हो जाते है | गणेश जी को तुलसी का पत्ता न चढ़ाने के पीछे एक कथा भी है इस कथा के अनुसार गणेश ने तुलसी माँ को श्राप दिया था | आईये जानते है विस्तार से...
तुलसी माता और गणेश जी की कथा
शास्त्रों के अनुसार एक बार तुलसी माता भगवान श्री गणेश जी से मिलने आयी और उन्होंने गणेश जी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा | गणेश जी ने उनके इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और माता तुलसी क्रोधित हो गयी और उन्होंने गणेश जी को श्राप दे दिया की उनकी दो शादी होंगी | तुलसी माता के इस श्राप को सुनकर गणेश जी को भी क्रोध आ गया और उन्होंने भी तुलसी माता को श्राप दे दिया कि उनकी शादी एक असुर से होगी...
तुलसी माता गणेश जी के इस श्राप को सुनकर डर गयी और उन्हें अपनी भूल पर पछतावा होने लगा और गणेश जी से विनती करने लगी कि वो अपना ये श्राप वापस ले ले | भगवान श्री गणेश ने उन्हें माफ़ कर दिया और कहा कि उनकी शादी असुर से नहीं शंखचूर्ण से होगी...
तुम भगवान विष्णु को अति प्रिय होने के साथ साथ पूजनीय भी होंगी | तुम्हारी पूजा लोगो द्वारा कि जाएगी | कलयुग मैं तुम मोक्ष देने का काम भी करोगी | लेकिन मेरी पूजा के दौरान तुम्हारा प्रयोग नहीं किया जायेगा |
एक यही कारण है जब भी गणेश जी की पूजा करते है तो उनकी पूजा मैं तुलसी का प्रयोग नहीं करते है | गणेश जी को दूर्वा घास बहुत प्रिय है इसलिए गणेश जी की पूजा के दौरान दूर्वा घास का प्रयोग किया जाता है | भगवान श्री गणेश जी की पूजा के अलावा भगवान शिव की पूजा के दौरान भी तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है भगवान शिव को तुलसी और सिंदूर चढ़ाना वर्जित माना जाता है ऐसा करने से भगवान शिव नाराज होतें है | इसलिए श्री गणेश और शिव शंकर की पूजा के दौरान तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है |