हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है | शनिदेव को कर्मफल दाता माना जाता है इसलिए लोग शनिदेव से डरते है शनिदेव का नाम सुनते ही लोगो के पसीने छूटने लग जाते है और लोग थर्र थर्र कांपने लगते है | शनिदेव जब न्याय करते है तो किसी पर भी रहम नहीं करते है | ऐसा कहा जाता है जब शनिदेव की क्रूर द्रष्टि किसी पर पड़ती है तो उस व्यक्ति के बने बनाये काम बिगड़ने लग जाते है | शनि की साढ़े साती, ढैया और महादशा पड़ने पर व्यक्ति को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है | इसी कारण लोग शनिदेव के प्रभाव से डरते है और कहते है की शनि की महादशा बहुत ख़राब है और शनि ग्रह बहुत ही क्रोधित ग्रह है जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है...
शास्त्रों के अनुसार यदि देखा जाए तो शनि ग्रह बिलकुल भी बुरा ग्रह नहीं है और ना ही ये हमें अकारण बिना किसी बात के सजा देता है | जबकि शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है | शनिदेव हमें हमारे कर्मो के अनुसार ही फल देते है यदि हमारे कर्म ख़राब है तो हमें फल भी ख़राब ही मिलेंगे और यदि हमारे कर्म अच्छे है तो हमें अच्छे फल प्राप्त होंगे | लेकिन लोग शनिदेव को क्रूर और बुरा मानते है क्योकि वो अच्छे दिनों मैं शनिदेव की कृपा द्रष्टि को भूल जाते और जैसा ही उनके ऊपर बुरा समय आता है तो शनिदेव को दोष देते है जबकि शनिदेव तो अपना काम करते है और लोगो को उनके कर्मो के अनुसार कर्मफल देते है | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनिदेव को श्रम, न्याय, गरीब, और मजदुर वर्ग का ग्रह कहा गया है इसलिए शनिदेव को सेवक का पद प्राप्त है |
शनिदेव को न्याय करने का काम सौंपा गया है इसलिए जब भी व्यक्ति अपने कर्म करता है उन कर्मो के हिसाब से शनिदेव उन्हें फल देते है | यदि कोई व्यक्ति किसी बेजुबान जानवर के ऊपर हत्याचार करता है तो शनिदेव भी उस व्यक्ति को वैसी ही सजा देते है ताकि उन्हें भी तो पता चले किसी के ऊपर हत्याचार करने का क्या परिणाम मिलता है | शनिदेव आलस्य, अन्याय, गरीबी और शोषण के विरुद्ध माने जाते है | शनिदेव को क्रूर इसलिए कहा जाता है क्योंकि वो लोगो के साथ न्याय करने मैं किसी भी प्रकार की दया भावना नहीं रकते है |
यदि आप शनिदेव की द्रष्टि से बचना चाहते है तो इन आदतों मैं जरूर सुधार करें
* यदि आप किसी कंपनी मैं किसी उच्च पद पर है तो आप कभी भी अपने छोटे कर्मचारियों या मजदूरों के साथ बुरा व्यवहार न करें | जो लोग दूसरो के साथ बुरा व्यवहार करते है या उन्हें सताते है तो शनिदेव भी उन लोगो के साथ वैसा ही व्यवहार करते है इसलिए कभी भी आप ऐसा न करें |
* कहते है की हमारे पैरो और पसीने मैं शनिदेव का वास माना गया है इसलिए कहते है की यदि पैर चलते है तो श्रम होता है और पसीना निकलता है | श्रम होता रहे और पसीना निकलता रहे तो शनिदेव खुश होते है और रात को सोने से पहले नहाने की आदत जरूर डाले |