हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थ गीता मैं कुछ ऐसी बातें बताई गयी है जो जीवन को एक नई दिशा प्रधान करती है | गीता हिन्दुओं का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ है | भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को सम्बोधित करते हुए जीवन और मरण के बारें मैं कुछ ऐसी बातो का उल्लेख किया है जो इंसान के कर्मो से संबंध रखती है | इंसान जैसा कर्म करेगा उसे वैसे ही फल मिलेगा और आत्मा को अमर बताया गया है | धार्मिक ग्रन्थ गीता मैं बताया गया है जब इंसान की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा उसके शरीर को त्याग कर चली जाती है और एक नए शरीर मैं दुवारा से जन्म लेकर आती है | मगर एक काल ऐसा होता है जब इंसान की मृत्यु होती है तो उस काल मैं मरने वाले लोगो की आत्मा पुनर्जन्म नहीं लेती है और वापस धरती पर लोट कर नहीं आती है ...
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को श्लोको के माध्यम से सम्बोधित करते हुए बताया है की एक काल ऐसा होता है जिसमे अगर इंसान की मृत्यु होती है तो उस इंसान की आत्मा पुनर्जन्म नहीं लेती है | दो काल होते है एक शुक्ल पक्ष होता है और एक कृष्ण पक्ष होता है | जो व्यक्ति पुण्य करते है वो दूसरा जन्म लेते है मगर जो व्यक्ति पाप करते है उनको दूसरा जन्म नहीं मिलता है और कई बार तो उनकी आत्मा को शांति तक नहीं मिलती है | जिन लोगो की मृत्यु शुक्ल पक्ष मैं होती है उनको दूसरा जन्म नहीं मिलता है और जिन लोगो की मृत्यु कृष्ण पक्ष मैं होती है उनको दूसरा जन्म मिलता है |
शुक्ल कृष्णे गती होते जगत: शाश्वते मते |
एकया यात्यनावृत्ति मन्ययावर्तते पुन: ||
इस श्लोक के माध्यम से श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया की इस दुनिया मैं दो प्रकार के सनातन होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष यानी की देवयान और पितृयान मार्ग | जिस व्यक्ति की मृत्यु शुक्ल पक्ष के दौरान होती है वो व्यक्ति कभी पुनर्जन्म नहीं लेते है और जिनकी मृत्यु कृष्ण पक्ष के दौरान होती है वो व्यक्ति पुनर्जन्म लेकर वापस आते है |
क्या होता है शुक्लपक्ष और कृषणपक्ष
आप लोग शायद ये सोच रहे होंगे की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष किया होता है और इसका हमें कैसे पता चलता है | दरअसल हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रत्येक महीने को दो भागो मैं बांटा गया है | जब चन्द्रमा बढ़ता हुआ जाता है तो उस समय को शुक्ल पक्ष कहते है और जब चन्द्रमा घटता हुआ जाता है तो उस समय को कृष्ण पक्ष कहते है | शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन पूर्णिमा होता है और कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या होता है | शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष को देवताओं और दक्षिणायन पितरो का काल भी कहा जाता है |