मृत्यु एक अटल सत्य है जिसे टाला नहीं जा सकता है, यही वजह है की प्रत्येक व्यक्ति की मृत्यु एक ना एक दिन आकर ही रहती है, इस सत्य को स्वीकार करना ही मनुष्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती होता है | इन्ही चीजों से जुड़े ऐसे कई सवाल होते है जो लोगो के मन में आते है, अक्सर कई लोग ये जानने के लिए उत्सुक रहते है कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, ये कहा चली जाती है, आज हम आपके लिए ऐसे ही सवालों के जवाब लेकर आये है, वैसे अगर शास्त्रों की मानी जाये तो आत्मा एक कुहासे के समान होती है लेकिन शरीर में रहने के कारण जब ये मृत्यु के बाद बाहर आती है तो यह शरीर के आकार की ही हो जाती है, आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है आत्मा को अमर माना गया है, ऐसा माना जाता है कि आत्मा केवल शरीर बदलती है वह कभी मरती नहीं है | आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी देने आये है कि जब एक व्यक्ति कि मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा का मृत्यु के तुरंत बाद क्या होता है |अचेत अवस्था
बताया जाता है कि मृत्यु के बाद मनुष्य कि आत्मा पहले अचेत अवस्था में होती है, जिस प्रकार एक व्यक्ति गहरी नींद में होता है और अचानक उठ जाता है उसी प्रकार आत्मा भी पहले अचेत अवस्था में होती है और फिर अचानक से सचेत अवस्था में आ जाती है |
व्यवहार
जब आत्मा मृत्यु के पश्चात शरीर से बाहर आ जाती है तो वह इस बात से अवगत नहीं होती है कि वह शरीर से बाहर है इसीलिए वह वैसा ही व्यवहार करती है जैसा वह शरीर में रहकर कर रही थी |
छटपटाहट और व्याकुलता
अपने शरीर को त्याग कर जब आत्मा शरीर से बाहर आ जाती है तो वह अपने सगे संबंधियों को पुकारती है उन्हें आवाज लगाती है, लेकिन जब उसकी आवाज कोई नहीं सुन पाता है तो वह बैचेन होकर छटपटाने लग जाती है | आत्मा अपने संबंधियों को आवाज लगाती है पर उसकी आवाज उस तक ही सिमट कर रह जाती है |
नहीं हो पाता है संचार
कई वर्षो तक आत्मा के शरीर में रहने के कारण आत्मा एक प्रकार से सांसारिक मोह माया से बंधने लग जाती है, इसी वजह से जब वह शरीर से बाहर आती है तो मोहवश कभी अपने शरीर को तो कभी अपने परिवार के सदस्यों को देखकर उन्हें पुकारती है लेकिन ऐसा सम्भव नहीं हो पाता है |
शरीर में प्रवेश का प्रयास
जब आत्मा शरीर से बाहर होती है तो वह मोहवश पुनः शरीर में प्रवेश करने कि कोशिश करती है लेकिन यमदूत उसे ऐसा नहीं करने देते है और धीरे धीरे आत्मा को समझ आने लग जाता है कि अब उसका समय आ गया है और इस शरीर को त्यागना होगा |
दुःख का सामना
व्यक्ति के मरने पर उसके परिजन उसके लिए रोते बिलखते है तो आत्मा भी उन्हें देखकर दुखी होती है, व्याकुल होती है और अपने कर्मो के बारे में सोचकर दुखी होती है लेकिन उसके वश में कुछ नहीं होता है और यमदूत उसे वहां से ले जाते है |
कर्मानुसार मिलता है दूसरा जन्म
जब यमदूत आत्मा को यमलोक में ले जाते है तो वहां मोहमाया से मुक्त आत्मा कुछ समय के लिए विश्राम करती है और वहां कुछ आत्माओ को कर्मो के अनुसार शीघ्र ही दूसरा जन्म मिल जाता है तो कई आत्माओ को कुछ समय बाद दूसरा जन्म मिल जाता है |