हमारे हिन्दू धर्म में अनेक पुराण है और इन सभी पुराणों में मनुष्य के उद्धार से जुडी कई चीजों का वर्णन किया गया है, इन पुराणों से हमें हमारे प्राचीन काल से जुड़े कई राज, कथाये और भी कई जानकारिया मिलती है | इन पुराणों में मनुष्य जीवन से जुड़े कई कार्यो के बारे में बताया गया है जो जीवन पर प्रभाव डालते है | इन्ही सब पुराणों में से एक पुराण है पद्म पुराण, पद्म पुराण का नाम उस कमल के फूल पर रखा गया है जिसमे ब्रह्मा जी अवतरित हुए थे | इस पुराण में विष्णु जी, शिव और शक्ति के बारे में वर्णन किया गया है | इसी पद्म पुराण में मनुष्य की कुछ ऐसी आदतों का वर्णन किया गया है जो मनुष्य के जीवन को बहुत प्रभावित करती है, ये आदते मनुष्य को जीवन में आगे बढ़ने नहीं देती है और उसके जीवन में हमेशा धन की कमी बनी रहती है | आज हम आपको मनुष्य की उन आदतों के बारे में बताने आये है, अगर आप भी इन आदतों से ग्रसित है तो तुरंत ही छोड़ दे |
लड़ाई झगड़ा करने वाले
पद्म पुराण में बताया गया है कि जो लोग हर समय किसी ना किसी से लड़ाई झगड़ा करते रहते है, हर समय किसी से उलझे रहते है, धीरे धीरे इनकी प्रवृति भी हमेशा के लिए ऐसी होने लगती है और दूसरे लोग भी इनसे दूर ही रहने लगते है | इसके साथ ही ऐसे लोगो के कई दुश्मन भी बन जाते है, जिस कारण इनको अपने जीवन में हर समय हानि ही उठानी पड़ती है |
विवादित स्थिति में रहना
विवादों से तो जितना दूर रहा जाये उतना ही अच्छा होता है, इसीलिए कभी किसी अन्य व्यक्ति के मामलो में नहीं पड़ना चाहिए और हमेशा दुसरो पर टीका टिप्पणी करने से बचना चाहिए | कई बार गलती से किसी के लिए हमारे मुख से निकले शब्द आगे चल कर विवाद का रूप ले लेते है |
दुसरो की बुराई करना
दुसरो की बुराई करने की आदत बहुत ही गलत होती है इससे लोगो की नज़र में हमारी इज़्ज़त कम होती ही है साथ ही में जिस इंसान की बुराई कर रहे है उसे यह पता चलता है तो वह भी दुखी होता है और कई बार तो ये लड़ाई झगड़े का रूप भी ले लेता है और आगे चलकर हम हमारे लिए ही परेशानियाँ खड़ी कर लेते है |
दुसरो में कमी निकलना
दुसरो में कमी निकलने की आदत को बहुत बुरा माना जाता है, हाँ अगर कोई गलत है तो उसे सही करे लेकिन इसका मतलब नहीं होना चाहिए कि आप उनका गलतियों को लेकर मज़ाक बनाये, हंसी का पात्र बनाये | इससे आपके प्रति लोगो में हीन भावना आने लगती है |
दिल दुखाना
किसी का भी दिल दुखाना बहुत ही बुरा माना जाता है, आपके द्वारा किया गया कोई भी काम ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे दुसरो को दिल दुखे और कोई आपको बद्दुआ दे क्योंकि कई बार दुःख कि स्थिति में दी गयी बद्दुआ सच भी हो जाती है |
कठोर शब्दों का प्रयोग
किसी से बात करते समय या समझते समय कभी भी कठोर शब्दों का प्रयोग ना करे, आपके कठोर शब्द कई बार लोगो के दिल में चुभ जाते है और फिर वो लोग कभी दिल से आपकी इज्जत नहीं करते है |