हमारे ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि एक व्यक्ति को मनुष्य जीवन कई जन्मो के बाद मिलता है, ज्योतिष शास्त्र में कुल 84 लाख रूपों का वर्णन मिलता है, इन रूपों में एक छोटी सी चींटी से लेकर मनुष्य के जन्मो तक का वर्णन है | बताया जाता है कि मनुष्य का जीवन एक व्यक्ति को कई जन्मो में कष्ट भोगने के बाद मिलता है, इसीलिए मनुष्य के जीवन को सर्वोच्च माना गया है |ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य का जीवन उसके ग्रह नक्षत्र और कर्म प्रभावित करते है, ये गृह नक्षत्र और उसके कर्म ही ये निर्धारित करते है कि एक व्यक्ति अगले जन्म में किस रूप में जन्म लेगा | वैसे अब जो जन्म बीत चूका है उसका हम कुछ नहीं कर सकते है लेकिन हम एक बात जरूर जान सकते है कि आने आने वाले जन्म में हम किस रूप में जन्म लेंगे | आज हम आपको आपकी राशि और कर्मो के आधार पर बताएंगे कि अगले जन्म में आप किस रूप में जन्म लेंगे |
मेष : मेष राशि के जातक जो अपने जीवन में अच्छे काम करते है वे पुनः मनुष्य के रूप में ही जन्म लेते है और बुरे कर्म करने वाले सर्प रूप में जाते है |
वृषभ : इस राशि के अच्छे कर्म करने वाले लोग गज रूप को प्राप्त करते है और बुरे कर्म करने वाले कीट के रूप में जन्म लेते है |
मिथुन : मिथुन राशि के अच्छे कर्म करने वाले लोग सिंह रूप में जन्म लेते है और बुरे कर्म करने वाले राक्षस रूप में जन्म लेते है |
कर्क : इस राशि के सुकर्मो वाले जातक मनुष्य या मृग रूप प्राप्त करते है वहीं कुकर्मो वाले सर्प रूप को प्राप्त करते है |
सिंह : इस राशि के अच्छे कर्मो वाले लोग अगले जन्म में गाय का रूप प्राप्त करते है लेकिन बुरे कर्मो वाले श्वान रूप पाते है |
कन्या : कन्या राशि के वे लोग अच्छे कर्म कर के पुनः मनुष्य रुपी जीवन या फिर गज का रूप पाते है और बुरे लोग कीट रूप प्राप्त करते है |
मकर : सकरात्मकता के साथ जीवन जीने वाले लोग अगले जन्म में मनुष्य या सिंह रूप में जन्म लेते है और वही कुकर्मो वाले लोग सर्प रूप में जन्म लेते है |
धनु : इस राशि के अच्छे कर्म करने वाले लोग देव रूप में जाते है और कुकर्म करने वाले राक्षस रुपी जन्म लेते है |
तुला : इस राशि के अच्छे कर्म करने वाले लोग महिष रूप को धारण करते है और वहीं बुरे कर्मो वाले लोग श्वान रूप में जाते है |
वृश्चिक : इस राशि के सुकर्मो वाले लोग मनुष्य रूप प्राप्त करते है और जो बुरे काम करते है वे सर्प रूप में भटकते रहते है |
कुम्भ : कुम्भ राशि के जातक जो अच्छे कर्म करते है वे वानर रूप में जाते है वहीं कई बार ये कर्मो के आधार पर पुनः मनुष्य रूप भी प्राप्त कर लेते है, इस राशि के बुरे कर्म करने वाले लोगो को कीट रूप नसीब होता है |
मीन : इस राशि के सुकर्मो वाले लोग गौ रूप धारण करते है वहीँ बुरे कर्मो वाले मूषक रूप में जन्म लेते है |