शादी के बाद जब एक लड़का और लड़की पति पत्नी का दर्जा पा लेते है तो उन पर कई जिम्मेदारियां आ जाती है | जिनका उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में निर्वाह करना ही होता है | ऐसे में दोनों के अपने अपने दायित्व होते है जिन्हे पूरा करना होता है | एक गुणवती पत्नी की कामना सभी करते है | एक गुणवती पत्नी ही पुरे घर को साथ लेकर चलती है और वंश को आगे बढ़ाने में मदद करती है | हमारे प्राचीन शास्त्रों में महिलाओ के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताया गया है जो एक गुणवती औरत की पहचान होते है | भाग्यशाली लोग ही होते है जिन्हे
पितामह भीष्म में कहा था कि औरत को हमेशा खुश रखना चाहिए, उसका कभी अपमान नहीं करना चाहिए | जब एक औरत खुश होती है तभी घर की सुख शांति में वृद्धि होती है | इसके अलावा और भी कई प्राचीन शास्त्रों और ग्रंथो में महिला के गुणों का वर्णन किया गया है | आज महिलाओं के उन 4 गुणों के बारे में बताने जा रहे है जो किसी की पत्नी में होते है तो वह बहुत ही भाग्यशाली साबित होता है |
औरतो के इन चार गुणों के बारे में इस श्लोक से आसानी से समझा जा सकता है |
‘सा भार्या या गृहे दक्षा सा भार्या या प्रियंवदा। सा भार्या या पतिप्राणा सा भार्या या पतिव्रता।।’
गृहे दक्षा
इसका अर्थ यह है कि यदि पत्नी घर के कार्यो, सभी जिम्मेदारियों को सँभालने, अतिथियों का सम्मान करने और हर स्थिति में गृहस्थी चलाने में सक्षम है तो ऐसी औरत एक अच्छी पत्नी साबित होती है | जिस घर में वह बहु बनकर जाती है उसका पति बहुत ही भाग्यशाली होता है |
प्रियवंदा
जो पत्नी अपने पति के साथ हर समय मधुर भाषा का प्रयोग करती है | साथ ही घर के सदस्यों और बहरी व्यक्तियों के साथ संयमित भाषा का प्रयोग करती है वह बहुत ही भाग्यशाली होती है |
पतिप्राणा
ऐसी पत्नी जो अपने अपने पति की बात को सुनती है, अपने पति की बातो पर अमल करती है | ऐसी पत्नी बहुत ही भग्यशाली होती है क्योंकि इनके इस व्यवहार के कारण इनके पति भी इनके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते है |
पतिव्रता
पतिव्रता होना एक पत्नी का सबसे बड़ा गुण होता है | ऐसी औरत जो अपने पति के अलावा किसी भी पराये पुरुष का ख्याल मन में नहीं लाती है वो बहुत ही भाग्यशाली होती है | ऐसी पत्नी अपने पति के लिए भाग्यशाली साबित होती है |