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हाथ की उँगलियों के बारे में ये 15 बाते जानकर आप खुद बता सकते किसी का भी भविष्य, जानिए

Oct 12 2019

Posted By:  Sunny

हस्तरेखा विज्ञान में जितना महत्व हथेली की रेखाओ का है उतना ही महत्व उँगलियों का है | एक व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में पता करने के लिए सबसे पहले उसके पुरे हाथ का निरीक्षण किया जाता है जिसमे उँगलियाँ भी सम्मिलित है | इसीलिए किसी भी व्यक्ति को हस्तरेखा का अध्ययन करने से पहले इन उंगलियों के महत्व को भी जानना होता है | इसमें मनुष्य की उंगलियों का आकार, लम्बाई और मोटाई भी महत्व रखती है | आज हम आपको हस्तरेखा से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है, जो भविष्य में आपको हस्तरेखा विज्ञान समझने में मदद करेगी |

  • प्रत्येक ऊँगली 3 भागो में बटी होती है ये भाग पोर कहलाते है |

  • पहली ऊँगली से उँगलियों का क्रम इस प्रकार है तर्जनी, मध्यमा, अनामिका और सबसे छोटी कनिष्ठा |

  • ये उंगलियाँ अलग अलग पर्वतो पर आधारित होती है जो निम्न प्रकार है | तर्जनी-गुरु, मध्यमा-शनि, अनामिका-सूर्य, कनिष्ठा-बुध |

  • यदि किसी की उंगलियाँ आगे से नुकीली और उंगलियों में गांठ दिखाई नहीं देती है तो ऐसा व्यक्ति कला का प्रेमी होता है, साथ ही धार्मिक विचारो वाला होता है |

  • ज्यादा लम्बी उँगलियों वाला व्यक्ति दुसरो के काम में हस्तक्षेप अधिक करता है |

  • लम्बी परन्तु पतली ऊँगली वाला व्यक्ति चतुर होता है |

  • सामान्य लम्बाई की उंगलियों वाला व्यक्ति समझदार और होशियार होता है |


  • जिसकी उँगलियाँ कुछ ज्यादा ही छोटी होती है वह स्वार्थी और सुस्त किस्म का होता है |

  • जिसकी तर्जनी ऊँगली अधिक लम्बी होती है वो दुसरो पर हुक्म चलाना पसंद करते है |

  • उंगलियाँ मिलाने पर यदि तर्जनी और मध्यमा के बीच में खाली जगह (Gap) रहता है तो ऐसा व्यक्ति 35 वर्ष के बाद ही धन प्राप्ति का सुख प्राप्त कर पाता है |

  • उंगलिया मिलाने पर यदि मध्यमा और अनामिका के बीच जगह (Gap) रहती है तो जीवन के मध्य में धन की कमी का सामना करना पड़ता है |

  • अनामिका और कनिष्ठा के बीच में जगह (Gap) बुढ़ापे में आने वाली गरीबी को दर्शाती है |

  • तर्जनी ऊँगली का टेढ़ा मेढ़ा होना बेईमानी और जल्दबाजी को दर्शाता है |
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