हमारे भारत देश में माता रानी के हजारो की संख्या में मंदिर है | माता रानी कभी भी अपने भक्तो को निराश नहीं करती है जो भी भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर माता रानी के दरबार में जाता है माता रानी अपने भक्तो की मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करती है | आज हम आपको माता रानी के एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारें बताएँगे जहां जो भी भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर जाता है माता रानी उसकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करती है |
हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर शिवालिक की पहाड़ियों के बीच त्रिलोकपुर में "माता बाला सुंदरी" के नाम का मंदिर स्थित है इस मंदिर में हजारो की संख्या में लोग अपना सर झुकाने आते है और माता रानी अपने भक्तो की सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करती है | ये मंदिर बहुत ही चमत्कारी है | इस मंदिर में बजने वाली 81 घंटियों के अलावा यहाँ गूंजने वाले माता के जयकारो से पूरा माहौल गूंजने लगता है |
इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की माता रानी ने एक नमक के व्यापारी को सपने में बालरूप में आकर दर्शन दिए थे और व्यापारी से कहा की मेरी पिंडी तुम्हारी नमक की बोरी में आ गयी है और अब मेरा निवास तुम्हारे घर के आँगन में स्थित पीपल के पेड़ की जड़ में ही रहेगा इसलिए तुम लोक कल्याण हेतु यहाँ एक मंदिर का निर्माण करवा दो | जब व्यापारी सुबह जागा तो उसने अपने घर के आंगन में पीपल के पेड़ को देखा तो वहां अचानक से बिजली चमकी और बदलो की गड़गड़ाहट के साथ वहां पीपल की जड़ फट गयी और वहां से देवी साक्षात् प्रकट हुई |
ये घटना विक्रम संवत 1627 की बताई जाती है | उस दौरान सिरमौर राजधानी का शासन महाराज प्रदीप प्रकाश के अधीन था | एक रात माता रानी महाराज प्रदीप प्रकाश को सपने में दर्शन दिए और भक्त रामदास वाली कहानी भी उनको सुनाई और मंदिर बनवाने की इच्छा भी प्रकट की | महाराज प्रदीप प्रकाश ने माता का आदेश मिलते ही तुरंत मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया | इस मंदिर को पूरा बनाने में 3 वर्ष का समय लगा था | ये मंदिर देखने में बहुत ही सुन्दर है इस मंदिर का निर्माण मुगलकालीन वास्तुकला के किया गया है |
मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, यूपी और पंजाब राज्यों के कई शहरो से आते है और अपनी मनोकामनाएं माता रानी के सामने रखते है | माता रानी अपने भक्तो को कभी भी निराश नहीं करती है उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करती है |