आज के जमाने में भले ही लड़के और लड़की की बराबरी की बात की जाती है, उन्हें समान अधिकार देने की बात की जाती है, लेकिन इसकी असलियत सभी जानते है | आज भी ऐसी कई चीजे है, जिनमे लड़कियों को अधिकारों से वंचित रखा जाता है, जबकि लड़को को हर चीज में आजादी दी जाती है | हमारे समाज में जो छूट लड़को को मिली हुयी है, वो लड़कियों को आज तक नहीं मिल पायी है, लेकिन फिर भी अगर किसी लड़की को उसके घरवाले छूट दे भी देते है, तो समाज उसे अपनी आजादी को महसूस नहीं करने देता है | इन चीजों के कारण एक लड़की अक्सर ये सोचने लगती है की उसका जन्म लड़की के रूप में हुआ ही नहीं होता |
घूमने फिरने पर पाबंदी
लड़कियों को जब भी अपने फ्रेंड्स के साथ घूमने जाना होता है, तो उन्हें सबसे पहले अपने घरवालों से इजाजत लेनी पड़ती है, लेकिन बहुत कम ऐसा होता है कि उन्हें इजाजत मिल पाती है | जबकि लड़के कहीं भी जाते है तो वे इजाजत नहीं लेते, वे बता कर जाते है कि वह कहीं जा रहे है | लड़को को घूमने फिरने की पूरी आजादी होती है, जबकि लड़कियों को नहीं होती |
समय की पाबंदी
लड़कियों को अगर कभी बाहर जाने की इजाजत मिल भी जाती है, तो उन्हें निश्चित समयसीमा दी जाती है, जिसके भीतर ही उन्हें वापस आना होता है, जबकि लड़के अगर देर रात को भी घर आते है, तो उन्हें कोई नहीं पूछता कि लेट क्यों आये हो | इन सबके अलावा अगर लड़की को देर तक रुकने की इजाजत मिल भी जाती है तो समाज के कुछ लोगो की वजह से लड़कियाँ रात में सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती है |
घर की इज्जत
लड़कियों पर घर की इज्जत का लेबल लगा होता है, जिसका उन्हें ख्याल रखना होता है | घर हो या ससुराल उन्हें यही कहा जाता है कि घर की इज्जत का ख्याल रखे | जबकि लड़को पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता है, उनकी गलतियों को जल्दी भुला भी दिया जाता है |
नौकरी करने की इच्छा
कई बार ऐसा होता है कि शादी के बाद लड़की को अपने मनचाहे करियर को चुनने की आजादी नहीं होती है, उसे नौकरी करने से मनाही कर दी जाती है, उन्हें अपने सपनो से समझौता करना पड़ता है | इन्ही सब चीजों के कारण लड़की खुद को कोसने लगती है |
पीरियड्स
पीरियड्स के दौरान लड़कियों को बहुत परेशानी से गुजरना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें दर्द, चिड़चिड़ापन सहना पड़ता है, इन सभी चीजों के कारण लड़कियां अक्सर यह सोचने लगती है, कि ये दर्द उन्हें ही क्यों झेलना पड़ता है |