कसार देवी माता का ये मंदिर बेहद चमत्कारी है | इस मंदिर की बहुत ही ज्यादा मान्यता है | इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की जो कोई भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आता है देवी कसार की कृपा से उसकी हर मनोकामना जरूर पूर्ण होती है | इस मंदिर के पास कुदरत की ख़ूबसूरती के साथ साथ अद्भुत एहसास का भी अनुभव होता है | कसार देवी का ये मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बिनसर मार्ग पर स्थित है | इस कसार देवी मंदिर के आसपास बड़े बड़े पाषण भी मिलेंगे |
ये मंदिर जहा स्थित है वहाँ बहुत ही ज्यादा शांति है | श्रद्धालु यहाँ आकर असीम मानसिक शांति का अनुभव करते है | क्यूंकि यहाँ अद्वितीय चुंबकीय शक्ति का केंद्र भी है यहाँ पर अनूठी मानसिक शांति मिलने के कारण लोग देश विदेश से यहाँ आते है |
नासा के वैज्ञानिको के अनुसार देखा जाए तो उत्तराखंड में अल्मोड़ा स्थित कसार शक्ति पीठ, दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग आदि | ये तीनो अद्भुत चुंबकीय शक्ति केंद्र माने जाते है | इन तीनो जगहों को चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है | नासा के वैज्ञानिक इन तीनो जगहों पर चुंबकीय प्रभाव होने के कारण और प्रभावो पर खोज कर रहे है |
पर्यावरणविद डॉक्टर अजय रावत ने काफी लंबे समय से खोज करने के बाद ये बताया की कसार देवी मंदिर के आस पास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है | इस जगह धरती के नीचे विशाल भू - चुंबकीय पिंड है | इन पिंडो में विद्युतीय चार्ज कणो की परत होती है जिसे रेडिएशन भी कहते है |
कहा जाता है की इस जगह पर स्वामी विवेकानंद 1890 में आये थे और उन्होंने कुछ समय यहाँ ध्यान किया था | ऐसा भी बताया जाता है की अल्मोड़ा से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर काकड़ीघाट है जहा उन्हें विशेष ज्ञान की प्राप्ति हुई थी | इसी जगह पर बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने गुफा में रहकर विशेष प्रकार से साधना की थी | इस जगह पर हर साल देश विदेश से सैलानी इस जगह शांति के लिए आते है और महीनो दिन यहाँ ठहरकर जाते है | कसार देवी का ये मंदिर बेहद चमत्कारी है इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी भक्त दर्शन करने के लिए जाता है उसकी हर मनोकामना जरूर पूर्ण होती है |