हिंगलाज माता मंदिर, माता पार्वती का अति प्राचीन मंदिर है | ये मंदिर माता रानी के 51 शक्ति पीठो में से एक माना जाता है | ये मंदिर पाकिस्तान के बुलीचिस्तान जिले के लसबेला में हिंगोल नदी के किनारे पहाड़ी गुफा में स्थित है | इस मंदिर का उल्लेख भागवत पुराण के साथ साथ अन्य पुराणों में भी मिलता है |
जब भारत और पाकिस्तान का बँटबारा हुआ था तब पाकिस्तान में स्थित कई धार्मिक ऐतिहासिक धरोहर और मंदिरो को कट्टरपंथियों के द्वारा तोड़ दिया गया था |
माता हिंगलाज के इस मंदिर को भी तोड़ने का प्रयास किया गया था मगर देवी के चमत्कार के कारण कई कट्टरपंथी मौत के मुँह में समां गए थे | माता के इस हिंगलाज मंदिर की देखभाल मुसलमानो द्वारा की जाती है |
इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की जो कोई भी भक्त अपनी मनोकामनाओं को लेकर इस मंदिर में आता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है | भक्त अपनी मनोकामनाओं को माता हिंगलाज के सम्मुख रखते और माता से हाथ जोड़कर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करता है |
इस मंदिर में जो भी भक्त आता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है | यहाँ पर साल में एक बार पाकिस्तान और हिंदुस्तान के हिन्दू यात्रा करते है | माता हिंगलाज के इस मंदिर में कई चमत्कारी शक्तियां व्याप्त है इसलिए लोग यहाँ दूर दूर से दर्शन करने के लिए आते है |