विवाह एक ऐसा बंधन ऐसा होता है, जिसे आपसी तालमेल, समझ और प्रेमभाव के बिना नहीं निभाया जा सकता है | इस रिश्ते को निभाने की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों की होती है | जिस तरह इस रिश्ते में आपसी समझ अपना महत्व रखती है, उसी तरह हस्तरेखाएँ भी हमारे जीवन में अपना बहुत महत्व रखती है | हस्तरेखाओ की मदद से यह जाना जा सकता है, कि विवाह के बंधन में बंधने जा रहे दो लोग अपने वैवाहिक जीवन को कैसा व्यतीत करेंगे, वे रिश्ता निभा पाएंगे या नहीं | आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है |
1. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि स्त्री की हथेली में हृदय रेखा और मष्तिष्क रेखा अलग अलग होती है, तो वह अपने पति के साथ तालमेल नहीं बैठा पाती है, जिससे उसके वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न होती है | उसके अक्सर अपने पति के साथ झगड़े होते रहते है |
2. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी स्त्री की हथेली सख्त होती है और उसके पति की हथेली नरम होती है, तो उनके बीच अक्सर मतभेद उत्पन्न होते रहते है, ऐसे दम्पति अक्सर एक दूसरे की भावनाओं को अनदेखा करते है, साथ ही उनमे नोकझोक होती रहती है |
3 किसी युवती की हथेली में विवाह रेखा का टुटा हुआ होना अशुभ माना जाता है, ऐसी युवती के विवाह में कई प्रकार की समस्याएं आती रहती है, और विवाह होने पर इनका जीवन संघर्षो में बीतता है |
4. जिन स्त्रियों की हृदय रेखा खंडित होती है, उनका व्यवहार ही उनके वैवाहिक जीवन में दूरियों और कलेश की वजह बनता है | ये अक्सर अपने पति की मजबूरियों को नहीं समझ पाती है |
5. किसी युवती की हथेली में शुक्र पर्वत पर बना तिल का निशान वैवाहिक जीवन में दुखो का कारण बनता है | ये पति पत्नी के बीच दूरियों का भी कारण माना जाता है | साथ ये यौन सुख में भी कमी लाता है |