हमारे भारतीय समाज में भाभी को माँ का दर्जा दिया जाता है, प्राचीन काल से ही हम पढ़ते और सुनते आ रहे है कि, किस तरह एक भाभी ने अपने देवर का ख्याल अपने बच्चे की तरह रखा है, इसका उदाहरण आप रामायण से भी ले सकते है | लेकिन इसके एकदम विपरीत इन्ही महापुराणों में कई ऐसे किस्से कहानियां जिनमे पति की मौत के बाद भाभी ने अपने देवर या जेठ से विवाह कर लिया | आज हम आपको ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है |
तारा
जब भगवान श्री राम ने बाली का वध किया था, तब बाली ने अपने अंतिम समय में अपनी पत्नी को कहा था कि मृत्यु के बाद वह उसके छोटे भाई सुग्रीव से विवाह कर ले, इसके बाद अपने पति की आज्ञा मानते हुए तारा ने अपने पति के छोटे भाई सुग्रीव से विवाह कर लिया था |
मंदोदरी
रावण की पत्नी ने भी रावण की मृत्यु के पश्चात् विभीषण से विवाह किया था | रावण ने अपनी मृत्यु के समय अपनी पत्नी से कहा था कि उसे राम के हाथो मुक्ति मिल गयी है और उसकी इच्छा है कि वह विभीषण से विवाह कर ले और राज्य के कुशल संचालन में उसकी मदद करे |
भानुमति
कम्बोज की राजकुमारी का दुर्योधन ने हरण करके विवाह कर लिया था, परन्तु भानुमति मन ही मन कर्ण से प्रेम करती थी | परन्तु महाभारत के युद्ध में जब कर्ण और दुर्योधन दोनों ही मारे गए तो उसने अर्जुन से विवाह कर लिया था |
अम्बा और अम्बालिका
महाभारत में अम्बा और अम्बालिका का वर्णन किया गया है, जिसके अनुसार भीष्म ने काशी की राजकुमारी अम्बा और अम्बालिका का विवाह अपने सौतेले भाई चित्रांगद और विचित्रवीर्य से करवाया था, परन्तु इनकी मृत्यु के बाद वंश को आगे बढ़ने के लिए भीष्म ने इनका विवाह वेदव्यास से करवाया था, जो कि उनके जेठ थे, ध्रतराष्ट्र और पाण्डु इन्ही की संतान थे |